हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक फिल्म है, अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है इस फिल्म में अल्बर्ट पिंटो नाम के किरदार को गुस्सा बहुत आता था, वो बात बात पर बिगड़ जाता था। इस फिल्म के बाद यह एक ऐसा वाक्य बन गया, जिसे वक्त बे वक्त इस्तेमाल किया गया।
सबसे ज्यादा इसे राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी के लिए इस्तेमाल किया गया। कभी राहुल गांधी के लिए तो कभी अमित शाह के लिए।
इन दिनों तेलंगाना के सीएम केसीआर यानी के चंद्रशेखर राव के लिए यह पंक्ति बेहद मुफीद है। जिस तरह से वे बार बार पीएम नरेंद्र मोदी पर गुस्सा हो रहे हैं, यही बात याद आती है कि केसीआर को केसीआर को मोदी पर गुस्सा क्यों आता है।
दिलचस्प बात यह है कि ये सब तब हो रहा है, जब बीजेपी की बी टीम कहलाने वाले केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने संसद में अधिकांश महत्वपूर्ण कानूनों या मुद्दों पर ज्यादातर मोदी सरकार का समर्थन किया और साथ दिया है। लेकिन वे मोदी पर गुस्सा करने से ही नहीं चूकते।
यह भी हो सकता है कि केसीआर को बीजेपी से डर लगता हो। क्योंकि धीरे धीरे प्रदेश में भाजपा का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। हाल ही में जब पीएम मोदी ने आचार्य रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया तो लोगों की भारी भीड़ नजर आई।
मोदी का बजट भयानक गोलमाल
हाल ही में मुख्यमंत्री केसीआर ने आम बजट पर अपनी राय प्रकट करते हुए पीएम मोदी और केंद्र की बीजेपी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए। उन्होंने भाजपा सरकार के बजट को भयानक गोलमाल करार दिया था।
यहां तक कि केसीआर मोदी के कपड़ों को लेकर गुस्सा करने और उसकी आलोचना करने में भी कोताही नहीं बरतते हैं। वे बजट को चुनावी पोशाक बताते हैं और कहते हैं, उनका बजट 'बिना किसी सार की स्टाइल' का है, यानी बजट में कुछ सार तत्व नहीं है।
ये सब तब हुआ जब मोदी और केसीआर किसी मेगा इवेंट में आमने-सामने होने वाले थे। हालांकि ऐसी स्थिति के लिए भी उनके पास जवाब है और वे कहते हैं कि वह व्यक्तिगत तौर पर भी मोदी की आलोचना कर सकते हैं।
ऊपर शेरवानी, अंदर परेशानी
वे हर बार मोदी की चुटकी लेते हैं, हर मुद्दे पर उनके लिए बेबाक हैं। गुजरात मॉडल की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने कहा था, ऊपर शेरवानी, अंदर परेशानी
उनका कहना था कि गुजरात मॉडल को भाजपा पीएम मोदी के सुशासन के उदाहरण के रूप में दिखाती रही है, लेकिन ये ऊपर शेरवानी, अंदर परेशानी के जैसा है।
वे कई बार कहते नजर आते हैं कि मोदी अपने सोशल मीडिया प्रबंधन के साथ, खुलेआम झूठ बोलकर, बार-बार झूठ को दोहराते हैं, इतना दोहराते हैं कि वो सच बन जाता है, लोगों को बेवकूफ बनाने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि अब उनके झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। वे नफरत और विभाजन की सांप्रदायिक राजनीति करते हैं।
कहीं केसीआर को डर तो नहीं लगता
यह भी हो सकता है कि केसीआर को बीजेपी से डर लगता हो। क्योंकि धीरे धीरे प्रदेश में भाजपा का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। हाल ही में जब पीएम मोदी ने आचार्य रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया तो लोगों की भारी भीड़ नजर आई।
वैसे भी इन दिनों तेलंगाना में भाजपा लोकप्रिय हो रही है। पीएम मोदी भी अलग अलग तरीकों से तेलंगाना से कनेक्ट होने की कोशिश कर रहे हैं, हाल ही में उन्होंने एक भाषण में तेलगू फिल्मों की खासी तारीफ की और कहा कि इनकी फिल्में दुनियाभर में देखी जा रही हैं।
शायद भाजपा के इसी ग्राफ से केसीआर को टेंशन हो। यहां तक कि उन्होंने पुलवामा अटैक में मोदी की जीत के बजाए उन्होंने सैनिकों की जीत बताई थी। कहीं तेलंगाना में मोदी की बढ़ती लोकप्रियता केसीआर के डर की वजह तो नहीं।
मौके मौके पर केसीआर को मोदी पर गुस्सा भी आता रहता है। इन सब के बाद यही कहा जा सकता है कि आखिर केसीआर को मोदी पर गुस्सा क्यों आता है?