Delhi Liquor Scam : तिहाड़ जेल से रिहा हुईं के. कविता, बोलीं लड़ेंगे और खुद को साबित करेंगे बेगुनाह

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 28 अगस्त 2024 (00:02 IST)
Delhi Liquor Scam :  इस साल मार्च में गिरफ्तार की गईं भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता जमानत मिलने के बाद मंगलवार देर शाम तिहाड़ जेल से बाहर आ गईं। सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में उन्हें जमानत दे दी थी। अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए कविता ने कहा कि बीआरएस और केसीआर की टीम ‘मजबूत’ है।
 
तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद कविता ने कहा कि हम लड़ेंगे और खुद को निर्दोष साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि मुझे राजनीतिक कारणों से जेल में डाला गया था। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
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कविता का स्वागत करने के लिए जेल के बाहर जमा हुए बीआरएस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने ढोल बजाए और पटाखे फोड़े। कविता के भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव भी इस दौरान मौजूद थे।
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ఢిల్లీలోని బీఆర్ఎస్ పార్టీ కార్యాలయంలో పార్టీ నాయకులను కలిసిన ఎమ్మెల్సీ కల్వకుంట్ల కవిత. pic.twitter.com/jCyxeDAjTz

— BRS Party (@BRSparty) August 27, 2024 >
कविता (46) तिहाड़ की जेल नंबर 6 से बाहर निकलीं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 15 मार्च को हैदराबाद में बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें 11 अप्रैल को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने मंगलवार को जमानत देते हुए कहा कि कविता करीब पांच महीने से हिरासत में थीं और इन मामलों में सीबीआई और ईडी की उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है।
 
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में अपनी बहन कविता को जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया और कहा कि मामलों में न्याय की जीत हुई है।
इसके बाद कविता वसंत कुंज स्थित बीआरएस पार्टी कार्यालय के लिए रवाना हो गईं। वे बुधवार दोपहर हैदराबाद के लिए रवाना होंगी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि कविता की हिरासत की अब जरूरत नहीं है क्योंकि वे 5 महीनों से अधिक समय से हिरासत में हैं और इन मामलों में उनके खिलाफ सीबीआई तथा ईडी की जांच पूरी हो गई है। शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दिए जाने से इनकार करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के 1 जुलाई के आदेश को रद्द कर दिया। इनपुट एजेंसियां

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