नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक को मंत्री नहीं बनाने से अखिलेश यादव नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में कांग्रेस के बिना ही गठबंधन करेंगे।
अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस ने सपा विधायक को साथ न लेकर उनका रास्ता साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि यूपी में भाजपा के लिए बनने वाले गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं होगी।
छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राजेश शुक्ला उर्फ बबलू भैया ने जीत हासिल की थी और अखिलेश ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। उन्हें उम्मीद भी थी कि उनके विधायक को मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन अंतिम समय में उन्हें निराशा हाथ लगी।
अखिलेश ने कहा कि हम कांग्रेसियों को भी धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने मध्यप्रदेश में हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया। कम से कम उन्होंने समाजवादियों का रास्ता साफ कर दिया है। अखिलेश यादव के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि वह भाजपा और कांग्रेस से अलग एक तीसरे मोर्चे के गठन की फिराक में हैं।
उन्होंने कहा कि देश में महागठबंधन के लिए पिछले कई महीनों से प्रयास चल रहा है। मैं तेलंगाना के सीएम के इस प्रयास का समर्थन करता हूं साथ ही मैं खुद उनसे मिलने के लिए मैं हैदराबाद जाऊंगा।
उल्लेखनीय है कि पहले भी खबरें आई थीं कि सपा-बसपा मिलकर यूपी में चुनाव लड़ेंगी और कांग्रेस के लिए सिर्फ अमेठी और रायबरेली सीटें छोड़ी जाएंगी।
पिछले दिनों एक खबर आई थी कि सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन ने सीटों का फार्मूला भी तय कर लिया है नए फार्मूले के हिसाब से बसपा जहां 38 सीट पर वहीं सपा 37 और 3 पर रालोद चुनाव लड़ेगा। तब यह भी कहा गया था कि रायबरेली और अमेठी संसदीय सीट पर गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा।