नई दिल्ली। भारत विरोधी नारे लगाने और नफरत भड़काने के आरोप में घिरे जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी अरविंद केजरीवाल सरकार ने दे दी है।
दिल्ली सरकार ने 1 साल से अधिक समय तक मुकदमा चलाने की फाइल को अटका रखा था। दिल्ली पुलिस द्वारा कन्हैया कुमार पर देशद्रोह समेत 8 धाराएं लगाई गई हैं।
कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य के खिलाफ आरोप है कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम में इन्होंने एक जुलूस की अगुवाई की थी और देशद्रोही नारे लगाए थे।
कन्हैया कुमार पर 2016 में जेएनयू परिसर में लगे भारत विरोधी नारे और नफरत फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने सालभर पहले आरोप-पत्र दाखिल किया था। यह फाइल आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन के पास थी। इनके पास दिल्ली सरकार में गृह विभाग भी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 'यह निर्णय पूरी तरह से गृह विभाग के अभियोजन पक्ष द्वारा लिया गया जिसने मामले का विश्लेषण किया।
अधिकारी ने कहा कि गृह विभाग ने इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों की राय भी ली थी और आखिरकार, सभी पहलुओं को देखने के बाद गृह विभाग के अभियोजन पक्ष ने आगे बढ़ दिया।
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल 18 सितंबर को दिल्ली सरकार से एक महीने के अंदर कन्हैया और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर फैसला लेने को कहा था।
अदालत ने कहा था कि देरी के कारण अदालत का समय बर्बाद हुआ है, क्योंकि आरोप-पत्र दायर किए जाने के बाद भी मामला बार-बार सूचीबद्ध और स्थगित किया जा रहा है।