Vikas Dubey Encounter: लोकतंत्र में न्यायपालिका की सर्वोच्चता के बीच एनकाउंटर से ज्यूडिशियल सिस्टम हो रहा बायपास?

अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर से खड़े हुए फिर कई सवाल?

विकास सिंह
शुक्रवार, 10 जुलाई 2020 (16:06 IST)
8 पुलिसकर्मियों का हत्यारा और 60 से अधिक मामलों में आरोपी पांच लाख का ईनामी मोस्ट वांटेड अपराधी  विकास दुबे अपनी गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर मुठभेड़ में मार दिया गया। विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर सुनकर किसी को भी आश्चर्य नहीं हुआ, इसकी वजह एनकाउंटर को आज हमारे समाज की एक तरह से स्वीकारता मिल जाना है। एक दिन पहले विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह सोशल मीडिया पर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कयास लगाए जा रहे थे वह इस बात की तस्दीक करते हैं कि आज हमारा समाज एनकाउंटर के नाम पर चौंकता नहीं है बल्कि खुश  होता है। हैदराबाद के बलात्कारियों से लेकर गैंगस्टर विकास दुबे जैसों के एनकाउंटर पर अगर जनता खुश होती है तो ये लोगों की सोच से ज़्यादा उस कानून पर टिप्पणी है। 
 
वरिष्ठ पत्रकार और उत्तर प्रदेश बीबीसी से पूर्व प्रमुख रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद उसका एनकाउंटर में मारे जाने तक सब कुछ सवालों के घेरे में है। इसकी शुरुआत उज्जैन से होती है जहां विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था। अगर विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था तो उसको कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड में क्यों नहीं लिया गया, इस मामले में एक तरह से पूरे ज्यूडिशियल सिस्टम को बायपास किया गया।  

इस पूरे मामले में गौर करने वाली बात यह हैं कि कि गुरुवार सुबह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार होना बताया था और शाम को उज्जैन पुलिस ने जो आधिकारिक जानकारी दी उसमें हिरासत में लेना बताया गया। 

रामदत्त त्रिपाठी आगे कहते हैं कि उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात होना और उसके बाद विकास दुबे को किसी वीआईपी की तरह मध्यप्रदेश की सीमा के बाहर निकलाकर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपना अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है। पूरा घटनाक्रम अपने आप में सवाल खड़ा करता हैं। इसमें पूरी कानूनी प्रकिया का पालन कर यह दिखाना चाहिए कि सिस्टम से भी सजा हो सकती है, इससे मैसेज जाता हैं कि सिस्टम सजा देने में कामयाब नहीं है। 
कानपुर में जिस स्थान पर विकास दुबे एनकाउंटर पर मारा गया वहां से कुछ ही पहले मीडिया कर्मियों की गड़ियों को रोके जाने और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी कई सवाल खड़े करते हैं। निश्चित रूप से 8 पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे को सजा मिलनी चाहिए लेकिन यह सब कानूनी प्रक्रिया के दायरे में होना चाहिए। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि इस तरह के एनकाउंटर से कहीं यह मैसेज तो नहीं जा रहा हैं कि अब सरकारों और पुलिस को भी ज्यूडिशियल सिस्टम पर विश्वास नहीं है और वह ‘न्याय’ के लिए इस तरह के रास्ते अपना रही है। 

असल में विकास दुबे के एनकाउंटर से व्याप्त ख़ुशी इस बात की ओर इंगित करती हैं कि हमने अपने न्यायिक और क़ानूनी प्रक्रिया को इतना कमजोर कर  दिया है कि लोगों का भरोसा उठ गया है। अब लोग बड़ी आसानी से  फैसला ऑन द स्पॉट को जायज ठहराने लगे है। शायद इसकी वजह लोगों का कानून पर भरोसा उठ जाना है, यहां पर दिल्ली के निर्भया कांड का उल्लेख करना जरूरी है जिसमें कानून के सहारे अपराधियों ने कैसे इंसाफ का  तमाशा बनाया था।
ALSO READ: Vikas Dubey Encounter: गैंगस्टर विकास दुबे के कफन में जाने के साथ ही कई राज भी दफन, एनकाउंटर पर भी उठे सवाल?
विकास दुबे का एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठ रहे है, उत्तर प्रदेश के एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी कहते हैं कि पुलिस की गाड़ी बदमाशों का वजन नहीं ले पाती। या तो पंक्चर हो जाती है या पलट जाती है। बदमाश पुलिस का पिस्टल छीन पुलिस पर फायर कर भागने लगते हैं।

वहीं विकास दुबे का एनकाउंटर का पूरा मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी पहुंच गया है। तहसीन पूनावाला की ओर से NHRC में एनकाउंटर को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में कहा गया है कि विकास दुबे ने खुद सभी के सामने सरेंडर किया था। वहीं दूसरी ओऱ इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने ट्वीट कर लिखा कि एनकाउंटर की आशंका कल से ही थी, इसी कारण सुप्रीम कोर्ट में याचिका कल प्रस्तुत हो चुकी है। यह कस्टडी में मौत का प्रकरण है। घटना की परिस्थितियों की जांच कोर्ट की निगरानी, नियंत्रण में हो। विकास को दंड मिलना तो निश्चित था परंतु यह पूरे खुलासे और कानूनी प्रक्रिया से होना था।  
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

अब आसानी से मिलेगा तत्काल टिकट, 10 मिनट सिर्फ आधार OTP से कर सकेंगे बुकिंग

Mahua Moitra marries : कौन हैं पिनाकी मिश्र, जिनसे TMC की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा ने की शादी

Russia-Ukraine war : रूस छुपकर हमला करने वाले ड्रोन पर कर रहा काम, जानें कैसे मचाते हैं दुश्मन देश में तबाही

OnePlus 13s : Samsung-Apple को टक्कर देने आया वन प्लस का सस्ता स्मार्टफोन, जानिए क्या है कीमत, मिलेगा 5000 तक का डिस्काउंट

श्रीकांत शिंदे का बड़ा बयान, पाकिस्तान भारत के खिलाफ करता है राहुल के बयानों का इस्तेमाल

सभी देखें

नवीनतम

ऑटो ड्राइवर ने निकाला कमाई का नायाब तरीका, सुनकर उड़ जाएंगे होश, जानिए कितनी होती है इंकम

Rafale Fighter Jet : भारत में बनेगी राफेल की रीढ़, Dassault और TATA के बीच बड़ा समझौता

Weather Update : असम में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही, 7 लाख लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या 19 हुई

छोटे कपड़े पहनने वाली लड़कियां मुझे अच्छी नहीं लगती, MP के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान चर्चाओं में

उज्जैन वेलनेस समिट मेंं 1950 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, बोले CM डॉ. मोहन यादव, मध्यप्रदेश बनेगा ग्लेाबल वेलनेस सेंटर

अगला लेख