कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के सोशल मीडिया अकाउंट पर खर्च करने के मामले पर बवाल आया हुआ है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) कथित घोटाले में भाजपा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) का इस्तीफा चाहती है। जबकि CM इन आरोपों को साजिश बता रहे हैं। इस बीच RIT में एक बड़ा खुलासा हुआ है। हालांकि, इस खुलासे का घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन CM साहब फिर से चर्चा में ज़रूर आ गए हैं।
आरटीआई में खुलासा : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फंड की समस्या से जूझ रही कर्नाटक सरकार के मुखिया यानी CM सिद्धारमैया के सोशल मीडिया अकाउंट को हैंडल करने पर हर महीने करीब 54 लाख का खर्चा किया जा रहा है। बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट मारलिंगा गौड़ा माली पाटिल ने सूचना के अधिकार कानून के तहत यह जानकारी निकाली है। पाटिल का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि सरकार फंड की समस्या का सामना कर रही है। विकास कार्यों की रफ्तार लगभग थम गई है और विभिन्न विभागों के ठेकेदारों को भुगतान करने में सरकार को संघर्ष करना पड़ रहा है, तो उन्होंने CM के सोशल मीडिया अकाउंट पर होने वाले खर्चे के संबंध में RTI लगाई।
कहां से आ रहा ये खर्चा : सरकारी एजेंसी कर्नाटक स्टेट मार्केटिंग कम्युनिकेशन ऐंड एडवर्टाइजिंग लिमिटेड (MCA) ने RTI के जवाब में बताया है कि सिद्धारमैया के सोशल मीडिया अकाउंट को हैंडल करने पर हर महीने 54 लाख का खर्चा आता है। हालांकि, उसका यह भी कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना में सिद्धारमैया सोशल मीडिया पर बेहद कम खर्च करते हैं। इससे पहले के मुख्यमंत्री का यह खर्चा करीब 2 करोड़ था। पिछले साल 25 अक्टूबर से मार्च 2024 तक मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने 3 करोड़ रुपए के आसपास खर्च किए।
किस कंपनी को दिया जिम्मा : सीएमओ ने सोशल मीडिया अकाउंट के लिए हर महीने करीब 53.9 लाख रुपए खर्च किए है, इसमें 18 फीसदी की जीएसटी भी शामिल है। यह भुगतान सिद्धारमैया के अकाउंट हैंडल करने वाली पेमेंट पॉलिसी फ्रंट नाम की कंपनी को किया गया है। कंपनी की लगभग 35 लोगों की टीम CM का सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करती है। गौरतलब है कि राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत कथित घोटाले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे चुके हैं। इसके बाद से उन पर इस्तीफे का दबाव बना हुआ है।
Edited By : Navin Rangiyal