नई दिल्ली। कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की सरकार खतरे में है। बताया जा रहा है कि लगभग दर्जन भर विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडी-एस सरकार पतन की ओर अग्रसर है। अगर राज्यपाल हमें विश्वास मत परीक्षण करने का निर्देश देते हैं तो हम तैयार हैं। गौड़ा ने कहा, नंबर हमारे पक्ष में हैं। हमारे पास 107 विधायक हैं। 224 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत के लिए 113 की जरूरत है। इस बीच सभी विधायकों का अमित शाह से मिलने की खबर भी है। शाह से मिलकर ही तय होगा कर्नाटक का भविष्य।
मोदी और शाह पर आरोप-
पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया है। भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते हुए सिद्धारमैया ने पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं को गुंडा भी कहा है। बता दें कि बुधवार को ही गठबंधन सरकार को ताजा झटका देते हुए कांग्रेस के दो विधायकों एम टी बी नागराज और के. सुधाकर ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया जिससे असंतुष्ट विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
विधानसभा में धारा 144-
कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच 11 से 14 जुलाई तक राज्य विधानसभा में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत विधानसभा में चार से अधिक लोग एक साथ इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर दस्तक दी है। इन विधायकों का आरोप है कि विधानसभा स्पीकर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं और जानबूझकर उनके इस्तीफे को स्वीकार करने में समय ले रहे हैं।
बागी विधायकों ने यह कदम उस समय उठाया, जब मंगलवार को विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि 13 बागी विधायकों के इस्तीफ के मामले के लिए उन्हें कम से कम 6 दिन की जरूरत है। इससे कांग्रेस-जेडीएस को रणनीति बनाने का समय मिल सकता है। 224 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत के लिए 113 की जरूरत है।
हिरासत में गुलाम नबी आजाद और डीके शिवकुमार
मुंबई में एक फाइव स्टार होटल के बाहर कर्नाटक सरकार बागी विधायकों से मिलने बारिश में करीब पांच घंटे तक इंतजार कर रहे कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार को मुंबई पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। शिवकुमार इससे पहले अपनी जान को खतरा बता चुके थे। शिवकुमार से मिलने आए मुंबई कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा को भी हिरासत में लेकर पुलिस वैन में ले जाया गया। जबकि, दूसरी तरफ बेंगलुरू में राजभवन के बाहर प्रदर्शन करते वक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी हिरासत में लिया गया।
पुलिस की तरफ से यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब शिवराम हेब्बार, प्रताप गौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल, ब्यराति बसावराज, एसटी सोमशेखर, रमेश जरकिहोली, गोपालैय्या, एच. विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और महेश कुमुताली की तरफ मुंबई के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर उनसे सुरक्षा की मांग की गई। उन्होंने कहा कि वे डर महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके राज्य के कुछ नेता मुंबई स्थित पोवई के उस होटल में ‘हंगामा’ करेंगे, जहां पर वे रह रहे हैं।
कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा कि वे उन दोनों नेताओँ से नहीं मिलना चाहते हैं और पुलिस से कहा कि उन्हें होटल के अंदर प्रवेश न करने दें। बागी विधायक अब सुप्रीम कोर्ट से यह शिकायत करेंगे कि पिछले हफ्ते उन्होंने जो अपना इस्तीफा कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार को दिया है, उन पर जानबूझकर देरी की जा रही है।
पुलिस पुलिस ने पोवई पुलिस क्षेत्राधिकार आनेवाले इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है, क्योंकि होटल इसी में आता है। जिसके बाद एक जगह पर चार से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। पुलिस ऑफिसर विनय चौबे ने बताया- “ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अवैध रूप से होटल के बाहर लोगों का जमावड़ा न हो पाए।”
ऐसा लग रहा था कि डीके शिवकुमार अड़े हुए थे जबकि बागी नेता के समर्थक वापस जाओ के नारे लगा रहे थे और होटल ने उनकी बुकिंग कैंसिल कर दी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा- “मैं बिना दोस्तों से मिले नहीं जाऊंगा, उन्होंने मुझे बुलाया है। उनका दिल टूट जाएगा। मैं पहले से ही उनके संपर्क में हूं, और हम दोनों के दिलों को रुलाया जा रहा है।”
होटल की बुकिंग कैंसिल होने पर उन्होंने कहा- “हमारे जैसे ग्राहक होने के लिए उन्हें गर्व होना चाहिए। मैं मुंबई से प्यार करता हूं। मैं इस होटल से प्यार करता हूं। मेरे पास अन्य कमरे भी हैं।” उधर, महाराष्ट्र पुलिस रिजर्व बल और दंगा नियंत्रण पुलिस को पोवई होटल के बाहर तैनात किया गया है। वहां पर जेडीएस नेता नारायण गौड़ा के समर्थक भी होटल के आसपास घूम रहे हैं। होटल में ठहरे बागी विधायकों का भी मिलने से इनकार, लगे गो बैक के नारे।
कर्नाटक कांग्रेस के 10 बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, स्पीकर के फैसले को चुनौती दी। संसद में उठा मामला, विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही प्रभावित। सुप्रीम कोर्ट में कल हो सकती है कर्नाटक मामले की सुनवाई। इस बीच, कुमारस्वामी के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा का प्रदर्शन। कर्नाटक में सरकार बचाने की जुगत जारी है। इसके लिए गुलाम नबी आजाद और सिब्बल के साथ कुमारस्वामी सक्रिय हैं। (एजेंसी)