RSS नेता हत्याकांड : NIA ने PFI सदस्यों की जमानत को SC में दी चुनौती

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 19 अक्टूबर 2024 (20:26 IST)
RSS leader case : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, जिसके तहत 2002 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता श्रीनिवासन की हत्या के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 17 सदस्यों को जमानत दी गई थी।
 
एनआईए की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भट्टी ने न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह को बताया कि जांच एजेंसी ने मामले में 17 अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की हैं। भट्टी ने पीठ को सूचित किया कि केरल उच्च न्यायालय ने 25 जून के अपने आदेश में 17 आरोपियों को जमानत दे दी थी और नौ अन्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
ALSO READ: RSS नेता दत्तात्रेय होसबाले का बड़ा दावा, विभिन्न देशों से हिन्‍दुओं के सफाए की कोशिश
उन्होंने शुक्रवार को पीठ से आग्रह किया, हमने 17 अलग-अलग विशेष अनुमति याचिकाएं (एसएलपी) दायर की हैं। यह अदालत सभी एसएलपी पर एकसाथ विचार कर सकती है। आरोपी सद्दाम हुसैन एमके की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ से सभी मामलों को एकसाथ सूचीबद्ध करने की अनुमति ले। केरल उच्च न्यायालय ने सद्दाम की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
 
आरएसएस नेता की हत्या के मामले में जमानत पाने वाले सभी आरोपी केरल के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं। विशेष अदालत ने मामले के 26 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
ALSO READ: जयपुर में RSS कार्यकर्ताओं पर हमला, 10 घायल, 2 आरोपी गिरफ्तार
आरोपियों ने फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसने इनमें से 17 को जमानत दे दी थी और नौ अन्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। जमानत देते हुए उच्च न्यायालय ने 17 आरोपियों पर कड़ी शर्तें लागू की थीं। आरोपियों को जांच अधिकारी से अपना मोबाइल नंबर और रियल-टाइम जीपीसी लोकेशन साझा करने का निर्देश दिया गया था। उन पर केरल न छोड़ने, अपना पासपोर्ट जमा करने और मोबाइल फोन हमेशा 'चार्ज' एवं चालू रखने की शर्त भी लागू की गई थी।
 
केरल के पलक्कड़ जिले में 16 अप्रैल, 2022 को श्रीनिवासन की हत्या के सिलसिले में 51 लोगों को आरोपी बनाया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक की मौत हो गई, जबकि सात आरोपी फरार हैं। बाकी आरोपियों के खिलाफ जुलाई और दिसंबर 2022 में दो चरणों में आरोप पत्र दाखिल किए गए थे।
ALSO READ: दुर्बल और असंगठित रहना अपराध है, नागपुर में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि जब पुलिस इस हत्याकांड की जांच कर रही थी, तब केंद्र को सूचना मिली थी कि केरल में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने केरल तथा देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने व आतंकवादी कृत्यों क अंजाम देने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को कट्टरपंथी बनाने की साजिश रची थी।
ALSO READ: RSS ने दी केरल विधानसभा में अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
इसके बाद केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में एनआईए को आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Pakistan के लिए जासूसी कर रहे आरोपी को ATS ने पकड़ा, पाकिस्तानी सेना और ISIS को भेज रहा था जानकारी

बांग्लादेश को भारत की फटकार, हिन्दुओं की सुरक्षा की ले जिम्मेदारी

ताजमहल या तेजोमहालय, क्या कहते हैं दोनों पक्ष, क्या है इसके शिव मंदिर होने के सबूत?

EPFO 3.0 में होंगे बड़े बदलाव, ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, क्या क्या बदलेगा?

नीबू हल्‍दी से कैंसर ठीक करने का नुस्‍खा बताकर फंसे नवजोत सिंह सिद्धू, ठोका 850 करोड़ का केस

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्ट्र और हरियाणा में क्‍यों हारी कांग्रेस, CWC की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया

क्यों पैतृक गांव गए हैं एकनाथ शिंदे, शिवसेना नेता ने किया खुलासा, क्या महाराष्ट्र में बनने वाला है नया समीकरण

वक्फ बोर्ड को अब नहीं मिलेंगे 10 करोड़, भाजपा ने किया विरोध, महाराष्ट्र सरकार ने वापस लिया आदेश

Delhi : प्रशांत विहार में धमाके के 1 दिन बाद निजी स्कूल को मिली बम से उड़ाने की धमकी

India-China : PM मोदी ने जिनपिंग के साथ बैठक के दौरान मतभेदों को निपटाने दिया जोर, क्या बोले विदेश मंत्री

अगला लेख