नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों को दाखिले और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाया। सोमवार को उच्चतम न्यायालय की 5 जजों की बैंच ने 3-2 से EWS आरक्षण को सही ठहराया है। इस मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है :
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8 जनवरी, 2019 : लोकसभा ने 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी।
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9 जनवरी : राज्यसभा ने 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी।
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12 जनवरी : विधि और न्याय मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सहमति दे दी है।
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फरवरी : नए कानून को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई।
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6 फरवरी : न्यायालय ने संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार को नोटिस जारी किया।
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8 फरवरी : न्यायालय ने 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे पर रोक लगाने से इनकार किया।
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8 सितंबर, 2022 : प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने अपील सुनने के लिए पीठ का गठन किया।
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13 सितंबर : न्यायालय ने दलीलें सुननी शुरू कीं।
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27 सितंबर : न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रखा।
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7 नवंबर : न्यायालय ने 3:2 के बहुमत से दाखिलों, सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को बरकरार रखा।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour