नई दिल्ली। Uttarakhand Tunnel Accident : उत्तराखंड टनल हादसे के बाद केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रहा है। केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए देशभर में सभी भवन तथा निर्माण मजदूरों के लिए एक विशिष्ट पहचान पत्र को अनिवार्य बनाएगी। यह पहचान-पत्र श्रमिक के आधार से जुड़ा होगा और ई-श्रम डेटाबेस में भी इसे संबद्ध किया जाएगा।
श्रम सचिव आरती आहूजा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इन सुधारों पर अगले सप्ताह विस्तृत जानकारी जारी की जा सकती है।
उन्होंने यहां अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के सहयोग से अखिल भारतीय नियोक्ता संगठन (एआईओई) और उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित द माइग्रेशन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
आहूजा ने ठेकेदारों द्वारा अपंजीकृत मजदूरों से काम कराने के मामले बढ़ने से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के तरीके पर बात की।
उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिताओं के लिए ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इन श्रमिकों को व्यापक लाभ प्रदान करना होगा। इनमें न्यूनतम मजदूरी, व्यावसायिक सुरक्षा तथा शौचालय व कार्यस्थल पर क्रेच जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच शामिल है।
आहूजा ने कहा कि मंत्रालय इन स्थानों पर पर्याप्त आश्रय, स्वच्छता तथा अधिकारों के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने वाले उपायों को लागू करने की भी योजना बना रहा है।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के उप निदेशक सातोशी सासाकी ने वर्तमान और भविष्य के श्रम बाजार में मजूदरों के प्रवास के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने प्रवासी मजदूरों के समक्ष पेश होने वाले अवसरों तथा चुनौतियों पर भी बात की। एजेंसियां