कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर के दो हफ्ते से ज्यादा हो गया है। मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में किया गया। 2 हफ्ते बाद भी हत्या का सच सामने नहीं आ पाया। कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य संजय वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के कोलकाता व उसके आसपास स्थित परिसरों में छापे मारे। घटना के खिलाफ देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय में दो ओर लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष समेत चार लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया था। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
सीबीआई ने रॉय और घोष समेत सात लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए अदालत से अनुमति ली है। इस टेस्ट को मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता लेकिन इसके नतीजे एजेंसी को आगे की जांच में एक दिशा प्रदान करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से पॉलीग्राफ विशेषज्ञों का एक दल जांच करने के लिए कोलकाता गया है।
कोलकाता पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु चिकित्सक का शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी फुटेज और चिकित्सक के शव के पास एक ब्लूटुथ उपकरण मिलने के बाद रॉय की गिरफ्तारी की गई थी जिसे कॉलेज के सेमीनार हॉल में प्रवेश करते हुए कथित तौर पर देखा गया जहां सुबह करीब चार बजे शव मिला था। रॉय (33) 2019 से नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस के साथ काम कर रहा था।
प्रशिक्षित मुक्केबाज रॉय ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कथित तौर पर करीबी बना ली थी जिसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में शामिल किया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पुलिस चौकी में तैनात कर दिया गया।
उसने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया है। सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि स्थानीय पुलिस ने प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले को दबाने का प्रयास किया था और जब तक संघीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल से छेड़छाड़ की जा चुकी थी।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी और इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली।
सीबीआई ने मारे छापे : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य संजय वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के कोलकाता व उसके आसपास स्थित परिसरों में रविवार को छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने मरीजों की देखभाल और प्रबंधन के लिए सामग्री की आपूर्ति से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालयों पर भी छापे मारे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने घोष और कोलकाता स्थित तीन निजी इकाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने घोष और निजी इकाइयों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई के कम से कम सात अधिकारियों ने सुबह आठ बजे घोष से बेलियाघाटा स्थित उनके आवास पर पूछताछ की, जबकि अन्य ने अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक व उप प्राचार्य वशिष्ठ तथा चिकित्सा प्रतिष्ठान के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एक अन्य प्राचार्य से पूछताछ की।
सीबीआई ने डेढ़ घंटे तक किया इंतजार : उन्होंने बताया कि केंद्रीय बलों के एक बड़े दल के साथ सुबह करीब छह बजे घोष के आवास पर पहुंची सीबीआई की टीम को करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद पूर्व प्राचार्य ने दरवाजा खोला। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अन्य अधिकारी हावड़ा में एक आपूर्तिकर्ता के घर गए।
उन्होंने कहा, वशिष्ठ से पूछताछ की जा रही है कि अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं के बारे में उन्हें कितनी जानकारी थी। सीबीआई अधिकारियों के एक अन्य दल ने अस्पताल में पूर्व प्राचार्य के कार्यालय पर भी छापा मारा और वह शैक्षणिक भवन की कैंटीन (भोजनालय) में भी गया।
उन्होंने वर्तमान प्राचार्य मानस कुमार बंद्योपाध्याय को सुबह अस्पताल पहुंचने और चिकित्सा प्रतिष्ठान में छापेमारी के दौरान उनके साथ रहने को कहा। नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में स्नातकोत्तर महिला चिकित्सक से कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद कोलकाता पुलिस के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस जघन्य अपराध के परिणामस्वरूप चिकित्सकों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने हत्या के अलावा कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले दर्ज किए हैं। इनपुट भाषा