लालू परिवार की बेनामी संपत्ति पर एक और खुलासा

Webdunia
मंगलवार, 27 जून 2017 (17:45 IST)
पटना। बिहार भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार के खिलाफ मुखौटा कंपनियों के जरिए अरबों की बेनामी संपत्ति अर्जित करने के मामले में नया खुलासा करते हुए मंगलवार को बताया कि इस परिवार ने ऐसी ही एक और कंपनी फेयरग्रो होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड बनाकर करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति खरीदी है।
                
मोदी ने यहां जनता दरबार के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध कराते हुए  कहा कि यादव एवं उनके परिवार ने पांच मुखौटा कंपनियों डिलाइट मार्केटिंग, एबी एक्सपोर्ट्स, एके इंफोसिस्टम्स, मिशेल पैकर्स एवं केएचके होल्डिंग के जरिए अरबों रुपए की बेनामी संपत्ति अर्जित की। इस कड़ी में लालू परिवार ने एक छठी कंपनी फेयरग्रो होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड बनाकर 76 लाख 32 हजार रुपए  की संपत्ति खरीदी, जिसकी वर्तमान कीमत करोड़ों रुपए है।
                
भाजपा नेता ने कहा कि वर्ष 1991 में कोलकाता के 130/1 बाकुल बगान रोड के पते पर केपी सरावगी और एके महेश्वरी ने 35 लाख रुपए  के निवेश से फेयरग्रो होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। उन्होंने कहा कि यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल (वर्ष 2004-09) के दौरान ही उनकी पार्टी से केंद्रीय कंपनी मामलों के मंत्री बने प्रेमचंद गुप्ता के सहयोगियों ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया और गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के निदेशक विजयपाल त्रिपाठी को ही फेयरग्रो कंपनी का भी निदेशक बना दिया गया। इसके बाद गुप्ता के एक अन्य सहयोगी अनिल तुलस्यान को भी इस कंपनी का निदेशक बनाया गया।
 
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान ही इस कंपनी ने 76 लाख 32 हजार रुपए  मूल्य का एक मकान खरीदा, जिसकी वर्ष 2008 में कीमत 10 करोड़ रुपए  से अधिक थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 तक कंपनी के बैलेंस शीट में जहां 76 लाख 32 हजार रुपए  का मकान दिखाया जा रहा था वहीं वर्ष 2012 की बैलेंस शीट में उसे 76 लाख 32 हजार रुपए  की जमीन बताई गई।
          
मोदी ने लालू परिवार द्वारा बेनामी संपत्ति खरीदने के लिए बनाई गई सभी छह मुखौटा कंपनियों एवं उस पर कब्जा जमाने के लिए एक ही तरह का पैटर्न अपनाने की दलील देते हुए कहा कि 19 जून 2014 को कंपनी फेयरग्रो के पुराने निदेशकों को हटाकर यादव के पुत्र तेजस्वी यादव (उप मुख्यमंत्री), तेजप्रताप यादव (स्वास्थ्य मंत्री), पुत्री चंदा यादव और रागिनी लालू को निदेशक बना दिया गया। इस प्रकार राजद अध्यक्ष एवं उनका परिवार करोड़ों रुपए की जमीन समेत कंपनी के मालिक बन गए। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व की पांच कंपनियों के जरिए भी इसी पैटर्न को अपनाते हुए  लालू परिवार ने अरबों रुपए  मूल्य की संपत्ति और जमीन पर कब्जा जमाया है।
        
भाजपा नेता ने कहा कि इससे पूर्व की पांच मुखौटा कंपनियों के जरिए  अरबों रुपए  की बेनामी संपत्ति खरीदकर पूरी कंपनी पर यादव के पुत्र तेजस्वी यादव, पुत्री एवं राज्यसभा सांसद मीसा भारती एवं उनके परिवार ने कब्जा जमा लिया। उन्होंने कहा कि डिलाइट मार्केटिंग, एबी एक्सपोर्ट्स तथा एके इंफोसिस्टम्स की मालिक तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद अध्यक्ष यादव की पत्नी राबड़ी देवी बन गईं वहीं मिशेल पैकर्स और केएचके होल्डिंग पर श्रीमती भारती का पूरी तरह से कब्जा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल दौरान ही इन कंपनियों के जरिए कालेधन का इस्तेमाल कर अरबों रुपए  की सम्पत्ति खरीदी गई। ये सभी बंद पड़ी कंपनियां हैं, जिनमें न तो कोई कारोबार होता है, न कर्मचारी हैं और न ही कोई टर्नओवर है। 
 
मोदी ने फेयरग्रो कंपनी और इसके शेयरधारकों को फर्जी बताया और कहा कि जांच-पड़ताल के बाद कोलकाता के 130/1 बाकुल बगान रोड के पते पर फेयरग्रो नाम की कोई कंपनी नहीं पाई गई। उन्होंने कहा कि इस कंपनी में 15 लोगों के पास प्रति व्यक्ति 15 हजार शेयर तथा पांच कंपनियों के पास प्रति कंपनी 20 हजार शेयर यानी कुल तीन लाख 50 हजार शेयर दिखाया गया। इनमें से आठ शेयरधारकों का पता 2, जीसी एवेन्यू कोलकाता बताया गया लेकिन जांच में इस पते पर कोई शेयरधारक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कंपनी के वर्ष 2016 के रिटर्न में सभी 20 शेयरधारकों का पता 130/1 बाकुल बगान दिखाया, जो जांच में फर्जी पाया गया। इस तरह सभी शेयरधारक फर्जी साबित हुए।
        
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि फेयरग्रो के प्रारंभिक प्रवर्तक पी. सरावगी एवं एके महेश्वरी ने राजद अध्यक्ष यादव की कृपा से मंत्री बने प्रेमचंद गुप्ता के सहयोगियों को कंपनी क्यों सौंप दी। इसी तरह गुप्ता के करीबी विजय पाल त्रिपाठी और अनिल तुलस्यान ने वर्ष 2014 में पूरी कंपनी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के भाई-बहनों को क्यों सौंपी। उन्होंने कहा कि यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2008 में 76 लाख 32 हजार रुपए  का मकान क्यों खरीदा गया। कोलकाता के 130/1 बाकुल बगान के पते पर पंजीकृत कंपनी फेयरग्रो कहां गायब हो गई। आखिर इस कंपनी के शेयरधारक कौन हैं, जिन्होंने खुद कंपनी का निदेशक बनने की बजायतेजस्वी यादव एवं उनके परिवार को निदेशक क्यों बना दिया। आखिर कंपनी के 76 लाख से अधिक रुपए का मकान कहां है।
         
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यादव के दोनों मंत्री पुत्रों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि  यादव के दोनों पुत्र प्रतिदिन मुख्यमंत्री कुमार पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री कार्रवाई नहीं करेंगे तो उन्हें रोज अपमान का घूंट पीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। (वार्ता)
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