पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ठाकुरों का अपमान करने के आरोपों का सामना कर रहे अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी समुदाय का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने राजद सांसद आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद को भी उनके बयानों के लिए फटकार लगाई।
दरअसल, पार्टी प्रवक्ता झा ने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए प्रसिद्ध दलित लेखक ओम प्रकाश वाल्मिकी द्वारा लिखित एक कविता 'ठाकुर का कुआं' का पाठ किया था। इसके बाद भाजपा ने झा पर ठाकुरों का अपनाम करने का आरोप लगाया है। राजद सांसद आनंद मोहन और उनके विधायक चेतन आनंद ने भी झा की आलोचना की थी। लालू ने झा की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने के लिए अपनी पार्टी के विधायक चेतन आनंद को भी आड़े हाथों लिया।
राजद सुप्रीमो ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'मनोज झा एक विद्वान व्यक्ति हैं। उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल सही है। उनका इरादा राजपूतों/ठाकुरों या किसी अन्य समुदाय का अपमान करने का नहीं था।'
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग मनोज झा के बयान पर शोर मचा रहे हैं, वे अपनी जाति के सदस्यों का समर्थन जुटाने की कोशिश में ऐसा कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।
जब प्रसाद से विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन सिंह द्वारा झा पर ब्राह्मण श्रेष्ठवाद का आरोप लगाए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो राजद सुप्रीमो ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब उनके पास इतनी कम बुद्धि हो तो क्या करें?
झा ने राज्यसभा के सदस्य ने अपने भाषण में समाज के कमजोर वर्गों की महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए एक भावपूर्ण दलील दी थी। उनका यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।