हाईकोर्ट से जमानत मिलने के 10 दिनों बाद भी लालू यादव क्यों जेल से रिहा नहीं हो सके? जानें

Webdunia
मंगलवार, 27 अप्रैल 2021 (23:00 IST)
रांची। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव बार काउंसिल द्वारा अदालती कार्य से दूरी बनाने की वजह से झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के 10 दिन बाद भी जेल से बाहर नहीं आ सकें हैं। उच्च न्यायालय ने यादव को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से गबन करने के मामले में जमानत दे दी थी। इसी के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री का जेल से बाहर आने का मार्ग प्रशस्त हो गया था, क्योंकि चारा घोटाले से संबंधित अन्य मामलों में यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

ALSO READ: प्रयागराज : नैनी सेंट्रल जेल में Corona विस्फोट, 123 कैदियों समेत जेल स्टाफ कोरोना की चपेट में
 
झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरे राज्य के अधिवक्ताओं को 2 मई तक सभी प्रकार के न्यायिक कार्यों से दूर रहने का निर्देश जारी किया है जिसके चलते सीबीआई की विशेष अदालत में जमानती मुचलका भरने और लालू की रिहाई के आदेश लेने की कार्यवाही पूरी नहीं की जा सकी है और 3 मई तक इसकी संभावना भी नहीं दिख रही है।
 
राजद प्रमुख यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री के लिए जमानत का मुचलका सीबीआई की विशेष अदालत में भरा जाना है, लेकिन स्टेट बार काउंसिल के निर्देश के कारण अधिवक्ता न्यायिक कार्य में शामिल नहीं हो रहे हैं, ऐसे में यादव का जमानती मुचलका नहीं भरा जा सका है। उन्होंने कहा कि जब तक बार काउंसिल की ओर से अदालती कार्यवाही में अधिवक्ताओं के शामिल होने पर लगी रोक हटाई नहीं जाएगी, तब तक यादव के न्यायिक हिरासत से बाहर आने की संभावना नहीं है।

ALSO READ: MP : शिवराज सरकार का छात्रों के हित में बड़ा फैसला, अब नहीं लगेंगी ऑनलाइन क्लासेस
 
काउंसिल ने 18 अप्रैल को बैठक कर कोरोना संक्रमण में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं एवं न्यायिक कार्यों में लगे अन्य कर्मचारियों के संक्रमित होने और उनकी मौत पर गहरी चिंता जताई थी और उनके इलाज के लिए राज्य में सुविधाओं की कमी का उल्लेख करते हुए एवं कोविड-19 की संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के उद्देश्य से एक सप्ताह के लिए सभी प्रकार के न्यायिक कार्य से दूर रहने का फैसला किया था।
 
बार काउंसिल के सचिव राजेश पांडेय ने बताया कि बाद में 25 अप्रैल की बैठक में एक बार फिर बार काउंसिल ने राज्य के सभी अधिवक्ताओं एवं उनके मातहत कार्य करने वाले कर्मचारियों को दो मई तक अपने न्यायिक कार्य से दूर रहने का निर्देश दिया। पांडेय ने बताया कि अब बार काउंसिल दो मई की अपनी बैठक में 3 मई से न्यायिक कार्य शुरू करने अथवा उससे दूर रहने के बारे में कोई फैसला लेगा।

ALSO READ: दिल्ली के श्मशानों में Corona से मौत की तबाही का मंजर, अंतिम संस्कार के लिए करना पड़ रहा 20 घंटे लंबा इंतजार
 
यादव को दुमका कोषागार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से 17 अप्रैल को जमानत मिल गई थी। उस समय उनके अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने विश्वास व्यक्त किया था कि यादव की ओर से 19 अप्रैल को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानती मुचलका भर दिया जाएगा और वह न्यायिक हिरासत से रिहा हो जाएंगे।

देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपए की राशि के गबन के मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद से यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं। उन्हें चारा घोटाले से संबंधित अन्य 3 मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। 73 वर्षीय यादव न्यायिक हिरासत में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपना इलाज करा रहे हैं। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

संभल में 100 से ज्यादा उपद्रवियों के पोस्टर जारी, इंटरनेट अभी भी बंद

Chhattisgarh : मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई बैठक, कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका कोर्ट ने मंजूर की, 20 दिसंबर को अगली सुनवाई

Kuno नेशनल पार्क से आई बुरी खबर, चीता नीरवा के 2 शावकों की मौत

BJP ने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा- राहुल गांधी को बदलें EVM को नहीं

अगला लेख