Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अफवाहों पर ध्यान न दें, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ठीक हैं और हालत स्थिर

हमें फॉलो करें अफवाहों पर ध्यान न दें, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ठीक हैं और हालत स्थिर
, शुक्रवार, 15 नवंबर 2019 (01:41 IST)
मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की तबीयत को लेकर गुरुवार देर रात तक सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार तेजी से गर्म रहा, जिसके कारण उनके परिवार की ओर से ट्‍वीट करके जानकारी दी गई कि 'लता दीदी की हालत स्थिर है..और वे अपनी तकलीफ से उबर रहीं हैं। आपकी चिंता, देखभाल और प्रार्थना के लिए हम प्रत्येक को धन्यवाद देते हैं।'
 
सनद रहे कि सांस लेने में तकलीफ आने की वजह से 90 वर्षीया लता मंगेशकर को सोमवार तड़के ब्रीचकैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर पतित समधानी उनका उपचार कर रहे हैं। गुरुवार को यह भी खबर आई कि लताजी की हालत में मामूली सुधार हुआ है लेकिन उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
webdunia
लताजी के स्वास्थ्य के बारे में जारी बयान में कहा गया था कि उनके पैरामीटर्स अच्छे हैं। सच कहें तो उन्होंने बहुत ही अच्छी लड़ाई लड़ी और वे उबर रही हैं। एक गायिका होने की वजह से उनके फेफड़ों की क्षमता मददगार रही है। 
 
वे सच में एक योद्धा हैं। जब लताजी को अस्पताल से छुट्टी मिलेगी और वे घर वापस आएंगी तो हम सबको इसकी जानकारी देंगे। हम अनुरोध करते हैं कि हम फिलहाल उनके परिवार को वह दें जिसका वह हकदार है।
 
हिन्दी, क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं में हजारों गीतों को अपनी आवाज दे चुकीं लता मंगेशकर ने इस वर्ष अपना आखिरी गीत 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की' रिकॉर्ड किया था, जो 30 मार्च को रिलीज हुआ था। उन्हें 2001 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारतरत्न' प्रदान किया गया था।
 
10 नवम्बर तक सोशल मीडिया पर सक्रिय : लता मंगेशकर ट्‍विटर पर 10 नवम्बर तक सक्रिय रहीं। उन्होंने लिखा था ' नमस्कार। मेरी भानजी पद्मिनी कोल्हापुरे एक बहुत अच्छी कलाकर है और अब वो फिल्म 'पानीपत' में गोपीका बाई का किरदार निभा रही है। मैं पद्मिनी को आशीर्वाद देती हूं और आशुतोष और उनकी टीम को शुभकामनाएं देंती हूं।'

बहुत कम लोग जानते हैं कि पद्मिनी कोल्हापुरे को लता मंगेशकर अपनी भानजी मानती थी। हाल ही में पद्मिनी कोल्हापुरे ने 'विविध भारती' पर अपने साक्षात्कार में कहा था कि कोल्हापुर में मेरे पिता, लता मंगेशकर ताई के पिता और एक अन्य पार्टनर मिलकर नाटक कंपनी चलाते थे। जब पिताजी जिंदा थे, तब लता, आशा और उषा ताई तीनों हमारे घर आते थे। तब मैं बहुत छोटी थी।
 
पद्मिनी कोल्हापुरे के अनुसार सबसे ज्यादा मुझे आशा ताई (आशा भोसले) प्यार करती थी। वो मेरे लिए हर दिवाली के पहले ढेर सारे तोहफे लाया करती थी। जब आशा ताई घर आती तो मेरी दादी उनसे कहती कि तू फिल्मों में गाती है, पद्मिनी के लिए भी कुछ कर। तब मेरी उम्र 7 बरस की हुआ करती थी। मुझे कोरस में गाने के मौके मिले। फिल्म 'यादों की बारात' के टाइटल सांग में लता ताई के अलावा सुषमा श्रेष्ठ और मेरी आवाज भी है। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मुशफिकुर रहीम के 'नूर चाचा' ने इंदौर में मांगी भीख, देखते ही देखते भर गई जेब...