एक तरफ जहां असम (Assam) एनआरसी (National Citizen Register) को लेकर विवाद चल रहा है, इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि असम की तरह उनके राज्य में भी NRC लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हरियाणा में कानून आयोग के गठन करने पर भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री खट्टर ने रविवार को अपनी सरकार के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी देने के दौरान यह ऐलान किया।
खट्टर ने कहा कि पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय महासंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। उसी कड़ी मे पंचकूला में वे विभूतियों से मिल रहे हैं।
हरियाणा राज्य मानव अधिकार आयोग के पूर्व चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एचएस भल्ला के अलावा पूर्व एडमिरल जेएस लांबा तथा लेफ्टिनेंट सेवानिवृत्त बलजीतसिंह जायसवाल से भी खट्टर ने मुलाकात की। खट्टर ने देशभर में NRC को लागू करने का पहले भी समर्थन किया था।
खट्टर ने सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति भल्ला के बारे में कहा कि वे NRC पर भी काम कर रहे हैं और जल्द ही असम जाएंगे। खट्टर ने कहा कि हमने भल्लाजी का समर्थन और उनके सुझाव मांगे हैं।
ममता ने किया था विरोध : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुले तौर पर NRC को लेकर अपना विरोध जाहिर कर चुकी हैं। तीन दिन पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी थी कि वे NRC के नाम पर आग से न खेलें। उन्होंने कहा था कि वे राज्य में एनआरसी संबंधी प्रक्रिया को कभी अनुमति नहीं देंगी।
19 लाख लोग हुए हैं सूची से बाहर : असम NRC की फाइनल लिस्ट 31 अगस्त 2019 को जारी की गई थी। इसके लिए 6 साल तक की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। NRC के लिए आवेदन करने वाले लोगों में से 31 करोड़ 1 लाख 21 हजार 4 लोगों को इसकी अंतिम लिस्ट में शामिल किया गया, जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को इस सूची से बाहर रखा गया था।