सावधान! युद्ध की तैयारी कर रहा है पाकिस्तान

सुरेश डुग्गर
श्रीनगर। पाकिस्तानी सेना भारत के साथ युद्ध करने की तैयारी कर रही है? अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उसकी रक्षा खाई पर जहां उसके टैंकों को धूल उड़ाते हुए देखा जा सकता है, वहीं चिकन नेक, छम्ब तथा राजौरी व पुंछ के सेक्टरों में मोर्चा संभालने वाले नए ब्रिगेडों की हरकतों को देख यह बात छुपी नहीं रह सकती कि पाक सेना अपने नापाक इरादों को पूरा करने की तैयारी में जुटी है। हालांकि भारतीय पक्ष की ओर से भी समुचित उत्तर देने की तैयारी है।
पंजाब से सटे जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले की पहाड़पुर सीमा चौकी से लेकर अखनूर के छम्ब सेक्टर तक सीमा के उस पार पाक सेना के टैंक डिवीजनों की तैनाती को देख भारतीय पक्ष चिंतित नहीं है क्योंकि उड़ी हमले के बाद भारतीय रुख के जवाब में ऐसा ही होने की उम्मीद थी। सिर्फ टैंक डिवीजन ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र में पाक सेना के दो ब्रिगेड भी तैनात हुए हैं पिछले कुछ दिनों के भीतर।
 
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पाकिस्तान से सटी 1202 किमी लम्बी सीमा पर इस समय पूरी तरह से युद्ध का माहौल है। युद्ध की तैयारी दोनों तरफ से है। सैनिक सूत्रों के अनुसार, 264 किमी लम्बी जम्मू सेक्टर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी टैंक डिवीजनों की मौजूदगी के साथ ही तैनात किए गए सेना के दो ब्रिगेड अपने इलाके में तथाकथित युद्धाभ्यास भी कर रहे हैं। सीमा पार के पाक गांव पूरी तरह से खाली करवाए जा चुके हैं तथा ब्लैकआउट के बीच सारा क्षेत्र भूतहा लगता है। ठीक इसी प्रकार की स्थिति एलओसी पर भी है।
 
पाक सेना की तैयारियों में उसकी वायुसेना भी पूरी मदद कर रही है। सिर्फ मदद ही नहीं कर रही है बल्कि वह कई बार भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन भी कर चुकी है। हालांकि भारतीय वायुसीमा के उल्लंघन की बात से रक्षा मंत्रालय ने इंकार किया है।
 
पाक सेना व वायुसेना की इन तैयारियों का मुंहतोड़ उत्तर देने के लिए भारतीय पक्ष ने भी तैयारी की है, लेकिन उसने युद्ध की तैयारी नहीं बल्कि अपनी भूमि की रक्षा करने के लिए तैयारी की है तभी तो भारतीय सेना जो अभी तक द्वितीय रक्षापंक्ति पर तैनात थी को अब प्रथम रक्षा पंक्ति पर तैनात किया जा रहा है।
 
जम्मू सेक्टर में तो टैंक डिवीजन तैनाती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह अवश्य है कि एलओसी पर भारतीय सेना पाक सेना को मुंहतोड़ उत्तर देने के लिए पहले से ही प्रथम रक्षा पंक्ति पर है जहां अब बोफोर्स और मिसाइलों की तैनाती की गई है। याद रहे एलओसी पर सेना की तैनाती कोई नई नहीं है क्योंकि वह 1947 से ही वहां तैनात है परंतु इतना अवश्य है कि पाक सेना की तैयारियों में रिजर्व सैनिकों की संख्या का इजाफा हुआ है जिन्हें उसने तैनात कर दिया है।
 
इन तैयारियों का परिणाम यह है कि सीमा क्षेत्रों में सामान्य गतिविधियां ठप होने लगी हैं। लोग अपने घरों में दुबकने लगे हैं और संचार माध्यमों पर युद्ध क्षेत्र की खबरों को सुन व देख रहे हैं। सभी को बस एक ही चिंता है कि युद्ध होने की स्थिति में उनका क्या होगा क्योंकि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं।
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