नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को भारी हंगामा किया जिसके कारण अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने अपनी सीट पर लौटने के लिए कहा, लेकिन उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा), तृणमूल कांग्रेस, अकाली दल, समाजवादी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा राष्ट्रीय जनता दल के सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी बात कहनी शुरू कर दी।
इसी बीच तेदेपा के सदस्य नारे लगाते हुए और हाथों में आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, रेलवे जोन स्थापित करने जैसी मांगों को लेकर बने बैनरों के साथ सदन के बीचोंबीच आ गए। हंगामे के बीच सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी अपनी सीट पर खड़े होकर कुछ कहते रहे, लेकिन शोर-शराबे के कारण कुछ नहीं सुनाई दिया।
अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और तेदेपा सदस्यों से अपनी सीट पर लौटने के लिए कहा, लेकिन उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलता रहा लेकिन हंगामा इतना बढ़ गया कि श्रीमती महाजन को सवा ग्यारह बजे पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
एक बार के स्थगन के बाद दोबारा जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तेदेपा सदस्य हाथों में बैनर लेकर नारे लगाते हुए फिर अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। तेदेपा के सदस्यों के हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही जारी रखी। तेदेपा सदस्य पूरे प्रश्नकाल के दौरान आसन के सामने हंगामा करते रहे। (वार्ता)