BJP State President Election: भाजपा ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष के नामों की घोषणा कर दी है। उत्तराखंड में भगवा पार्टी ने एक बार फिर महेन्द्र भट्ट (Mahendra Bhatt) पर विश्वास जताया है, जबकि हिमाचल में पार्टी ने राजीव बिंदल (Rajiv Bindal) को तीसरी पारी खेलने के लिए हरी झंडी दे दी है। तेलंगाना में पार्टी पहले ही रामचंद्र राव के नाम की घोषणा कर चुकी है। हालांकि ये दोनों नाम भी पहले से ही तय हो गए थे, लेकिन पार्टी ने आधिकारिक घोषणा आज की है।
बताया जा रहा है कि पार्टी ने किसी भी विवाद से बचने के पुराने चेहरों पर दांव लगाना मुनासिब समझा है। तेलंगाना में रामचंद्र राव को अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी के दिग्गज हिन्दूवादी नेता टी राजा सिंह नाराज हो गए और उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया। राजा सिंह गोशामहल विधानसभा सीट से विधायक हैं।
कौन हैं महेन्द्र भट्ट : उत्तराखंड में भाजपा ने एक बार फिर महेन्द्र भट्ट पर भरोसा जताया है। अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने उनके नाम की घोषणा कर दी है। राज्य में अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ उन्होंने ही नामांकन दाखिल किया था। भट्ट 29 जुलाई 2022 से उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। गढ़वाल से ताल्लुक रखने वाले महेंद्र भट्ट पहली बार 30 जुलाई 2022 को प्रदेश अध्यक्ष बने थे। वे 2017-2022 तक चमोली जिले के बद्रीनाथ निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। इससे पहले वे 2002 से 2007 तक नंदप्रयाग से भी विधायक रहे हैं। 2024 में वे राज्यसभा के लिए भी चुने गए। भट्ट ब्राह्मण समुदाय से आते हैं।
महेन्द्र भट्ट के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1991 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई। उन्होंने भाजपा के इस छात्र संगठन में सहमंत्री, जिला संयोजक और विभाग संगठन मंत्री जैसे पदों पर कार्य किया। भट्ट उत्तराखंड भाजपा युवा मोर्चा के पहले प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
कौन हैं राजीव बिंदल : एक अन्य पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा ने राजीव बिंदल को अध्यक्ष पद पर तीसरी बार मौका दिया है। बिंदल पेशे से एक डॉक्टर हैं और 1995 में उन्होंने सोलन नगर परिषद का चुनाव लड़कर राजनीति में कदम रखा था। वह 5 बार विधायक रह चुके हैं। सोलन से तीन बार (2000, 2003, 2007) तथा सिरमौर जिले के नाहन से दो बार (2012, 2017) विधायक चुने गए। बिंदल 2007 से 2012 तक धूमल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे।
बिंदल ने कॉलेज के दिनों से ही समाज सेवा शुरू कर दी थी। स्नातक के बाद वे तीन साल तक डॉक्टर के तौर पर सेवा करने के लिए बिहार के आदिवासी इलाकों में गए। उन्होंने सोलन में हिमगिरी कल्याण आश्रम की स्थापना की, जहां गरीब बच्चों को मुफ्त में रहने और शिक्षा प्रदान की जाती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala