नई दिल्ली। देशभर में 'मैं भी जल रक्षक' अभियान की शुरुआत करते हुए वॉटर मैनेजमेंट एंड प्लम्बिंग स्किल काउंसिल, श्रीश्री रुरल डेवलपमेंट प्रोग्राम ट्रस्ट (एसएसआरडीपी-आर्ट ऑफ लिविंग) और रोटरी इंडियन (जिला 3011) के बीच एक सहमति ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ है। इस अभियान की शुरुआत कौशल मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल संबोधन दिया।
कौशल दीक्षांत समारोह के अवसर पर रुरल डेवलपमेंट प्रोग्राम ट्रस्ट और रोटरी इंडियन (जिला 3011) के सहयोग से 17 सितंबर, 2022 को 'मैं भी जल रक्षक' अभियान (द्वारा वॉटर मैनेजमेंट एंड प्लम्बिंग स्किल काउंसिल) का शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर डिजिटल संबोधन दिया।
इस अभियान का शुभारंभ यूनियन मिनिस्टर ऑफ एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप धर्मेन्द्र प्रधान, यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, राजीव चन्द्रशेखर, सचिव एमएसडी ई., अतुल कुमार तिवारी, सचिव एमओई, संजय मूर्ति, चेयरमैन एनसीवीईटी, निर्मलजीत सिंह कल्सी, चेयरमैन यूजीसी एवं एआईसीटीई, जगदीश कुमार, डीजी-डीजीटी, तिशाजीत सेठी ने किया।
डब्ल्यू एमपीएससी का प्रतिनिधित्व विनय गुप्ता (वाइस चेयरमैन), रवि प्रधान (डायरेक्टर), रजनीश विरमानी (डायरेक्टर), अशोक प्रधान (डायरेक्टर), मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) टीके चड्ढा (सीओओ), वरुण टंडन (सीनियर वीपी), मिस गुंजन अनेजा (एजीएम, ऑपरेशंस), मिस नीलम बर्थवाल (ट्रेनिंग मैनेजर), मिस प्रिया खुराना (कम्युनिकेशंस मैनेजर) ने किया।
एसएसआरडीपी का प्रतिनिधित्व एयर कामरेड (सेवानिवृत्त) रवीन्द्र मेरानी (चेयरमैन एंड ट्रस्टी) ने किया। रोटरी इंडियन का प्रतिनिधित्व अशोक कंटूर (डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 22-23, आरआई डिस्ट्रिक्ट 3011) ने किया।
इस अभियान का सामान्य उद्देश्य विद्यार्थियों को जल संरक्षण के तरीके सिखाना, ऐसे कार्यक्रमों का निर्माण करना जिससे सीधे तौर पर जल की क्षति को रोका जा सके, आम लोगों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में बताना और लोगों को इस राष्ट्रीय सेवा में योगदान देते समय गर्व की भावना महसूस कराने का है।
देश के विभिन्न राज्यों असम, अंडमान निकोबार द्वीप, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, सिक्किम, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने मित्रों और परिवारजनों को जल के महत्व के बारे में सजग करना, यह बताना कि भविष्य के लिए हम किस प्रकार से जल संरक्षण कर सकते हैं और यह समझाना है कि हम जल प्रदूषण को किस प्रकार से नियंत्रित कर सकते हैं, जो आजकल वातावरण संबंधी एक गंभीर समस्या है।
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागियों को 'मैं भी जल रक्षक' सर्टिफिकेट, बैज, एक चित्रण पुस्तिका, मनोरंजक सामान्य ज्ञान भी दिया जाएगा। इस सहयोग का लक्ष्य प्रशिक्षण में प्रतिभागी विद्यार्थियों के द्वारा वातक एवं कम प्रवाह जुड़नार लगाकर प्रतिवर्ष 1,000 करोड़ लीटर जल का संरक्षण करना है।