NRC पर भड़की ममता बनर्जी 13 साल पहले बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर संसद में हंगामा कर चुकी हैं। उस दौरान ममता ने स्पीकर पोडियम पर न केवल पेपर फेंका था, बल्कि इस मुद्दे पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा भी की थी।
हालांकि यह बात अलग है कि तब पश्चिम बंगाल में टीएमसी की नहीं बल्कि लेफ्ट की सरकार हुआ करती थी। उल्लेखनीय है कि NRC मुद्दे पर ममता बनर्जी का कहना है कि इससे रक्तपात व गृहयुद्ध शुरू हो जाएगा।
ममता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में वैध दस्तावेजों के साथ लोगों के नाम को शामिल नहीं किया गया और यह कार्य राजनीतिक मकसद से किया जा रहा है, जिसका विरोध किया जाएगा।
लेकिन भाजपा ने तृणमूल चीफ को बांग्लादेशी घुसपैठियों पर उनका पुराना स्टैंड याद दिलाया है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने एक ट्वीट कर पूछा है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ने 4 अगस्त 2005 को लोकसभा में कहा था कि बंगाल में होने वाली घुसपैठ अब त्रासदी बन गई है। मेरे पास बांग्लादेशी और भारतीय वोटर्स दोनों की लिस्ट है। यह बेहद गंभीर मामला है। मैं यह जानना चाहूंगी कि सदन में इसपर कब चर्चा होगी।
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा है कि वह बांग्लादेशी घुसपैठ पर अपना रुख बदल रही हैं। जेटली ने कहा कि 2005 में भाजपा की सहयोगी रह चुकी ममता बनर्जी ने भी इस पर खास रूख अपनाया था। संघीय मोर्चे के नेता के तौर पर अब वह इसके उलट बात कर रही हैं।
क्या हुआ था 2005 में : 4 अगस्त 2005 को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी माइग्रेशन के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव को लेकर नोटिस दिया था। तब लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी हुआ करते थे लेकिन उस समय चेयर पर डेप्यूटी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल थे।