नई दिल्ली। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून और आगे बढ़ते हुए अपनी सामान्य तिथि से चार दिन बाद पूरे पूर्वोत्तर भारत में पहुंच गया है।
दक्षिण पश्चिम मानसून ने दो दिन की देरी से 3 जून को केरल में दस्तक दी थी, जिसके साथ ही चार महीने तक चलने वाला मॉनसून का सीजन शुरू हो गया। तीन दिन के दौरान यह पूरे केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश तथा तेलंगाना के हिस्सों में पहुंच गया।
विभाग ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून मध्य अरब सागर के और अधिक भागों, महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, पूरे कर्नाटक, तेलंगाना के कुछ और भागों, पूरे तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश के कुछ और हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा है। यह पूरे पूर्वोत्तर भारत (नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश) उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम में पहुंच गया है।
पूर्वोत्तर के विभिन्न भागों में मॉनसून 3 से 10 जून के बीच पहुंचता है। उदाहरण के लिए अगरतला, आइजोल, शिलांग और इम्फाल में यह 1 जून को जबकि गंगटोक और सिक्किम में 10 जून को पहुंचता है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले दो दिन में इसकी गति धीमी हो जाएगी।
बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय परिसंचरण बनने की संभावना है, जिसके बाद मानसून गतिविधि के जोर पकड़ने की उम्मीद है। इससे मानसून को 15 जून तक ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा बिहार के भागों में पहुंचने में मदद मिलेगी। इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है।