नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने आगमन की सामान्य तिथि से 16 दिन की देरी से, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गया। बीते 19 वर्षों में मानसून के आगमन में यह सबसे अधिक विलंब है। 2002 में मानसून 19 जुलाई को दिल्ली पहुंचा था। दिल्ली में अब तक सामान्य से 67 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिससे यह बारिश की बहुत अधिक कमी वाले राज्यों की श्रेणी में आ गया है।
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक के. जेनामणि ने मंगलवार सुबह दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्सों में बारिश होने के बाद पुष्टि की कि मानसून दिल्ली पहुंच गया है। भारी बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पानी भर गया।
आम तौर पर मानसून 27 जून को दिल्ली पहुंच जाता है। आठ जुलाई तक मानसून पूरे देश में छा जाता है। पिछले साल दिल्ली में मानसून 25 जून को पहुंचा था और देश भर में 29 जून को छा गया था।
इस साल दिल्ली में मानसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग को पूर्वानुमान में मुश्किल आई। कई पूर्वानुमानों के बाद आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि मानसून के अनुमान में गणितीय मॉडल की इस तरह की नाकामी दुर्लभ और असामान्य है।
आईएमडी ने इससे पहले कहा था कि मानसून तय तिथि से 12 दिन पहले, 15 जून को दिल्ली पहुंचेगा लेकिन हवाओं की स्थिति से इसका आगमन प्रभावित हुआ। जून के शुरुआत में मौसम विभाग ने कहा था कि सात जुलाई तक दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी। बाद में इसने कहा कि दिल्ली में मानसून की पहली बारिश 10 जुलाई के आसपास होगी।
मौसम विभाग ने शनिवार को एक बार फिर पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए कहा कि अगले 24 घंटों में मानसून राजधानी में पहुंच सकता है। लेकिन रविवार भी बारिश के इंतजार में बीत गया और सोमवार को भी बारिश नहीं हुई।