Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कोल्हापुर में शुरू हुआ मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू

हमें फॉलो करें कोल्हापुर में शुरू हुआ मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू
, बुधवार, 16 जून 2021 (14:23 IST)
पुणे/मुंबई। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भाजपा के राज्यसभा सदस्य संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए मौन धरना प्रदर्शन बुधवार को शुरू हो गया। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्यव्यापी आंदोलन की यह औपचारिक शुरुआत है।
 
हल्की बारिश के बीच छत्रपति साहू महाराज के स्मारक पर कई विधायकों और विभिन्न दलों के नेताओं के एकत्रित होने के साथ ही आंदोलन शुरू हो गया। राज्य में कई मराठा संगठनों ने इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है।
 
आंदोलन में वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) नेता प्रकाश आंबेडकर, कोल्हापुर के संरक्षक मंत्री और कांग्रेस नेता सतेज पाटिल, प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल शामिल हुए। कोल्हापुर जिले से शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उनके साथ सलाइन बोतल भी लगी हुई थी क्योंकि वह कुछ दिनों पहले कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे।
 
उन्होंने कहा कि मैं कोविड-19 से पूरी तरह स्वस्थ हो गया हूं, लेकिन अगले कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी गई है। मैं इस काम के लिए अपने घर से बाहर निकला हूं और मैं अपना समर्थन देने के लिए अन्य जगह भी जाने के लिए तैयार हूं।
 
विवाद भी : पिछले कुछ हफ्तों से संभाजीराजे के आलोचक रहे चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को सांसद को अपना समर्थन पत्र दिया। उन्होंने संभाजीराजे पर सवाल उठाया था कि क्या वह राज्यसभा का दूसरा कार्यकाल पाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
आंदोलन शुरू करने की घोषणा करते हुए संभाजीराजे ने प्रदर्शनकारियों से जनप्रतिनिधियों के सभा को संबोधित करते वक्त चुप रहने की अपील की। कोल्हापुर में कोविड-19 संक्रमण दर अधिक रहने के बावजूद यह प्रदर्शन किया जा रहा है और कुछ दिनों पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हालात की समीक्षा की थी।
 
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेश बल्कवडे ने कहा कि प्रदर्शन के आयोजकों को आंदोलन के दौरान कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार करने का निर्देश दिया गया है। कोल्हापुर पुलिस ने कहा कि उन्होंने आंदोलन के मद्देनजर पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं।
 
उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने महाराष्ट्र के 2018 के उस कानून को रद्द कर दिया था, जिसमें दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठाओं को आरक्षण दिया गया था। न्यायालय ने इसे ‘असंवैधानिक’ बताया और कहा कि 1992 मंडल फैसले में तय किए गए 50 प्रतिशत के आरक्षण का उल्लंघन करने की कोई असाधारण स्थिति नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Fact Check: फुटबॉलर Christian Eriksen ने लगवाई थी COVID Vaccine, इसलिए हुआ Cardiac Arrest? जानिए पूरा सच