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SC पहुंचा किसान आंदोलन का मामला, आज होगी सुनवाई, किसानों ने रखी यह मांग

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , रविवार, 8 दिसंबर 2024 (21:56 IST)
Farmer Protest : शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों का जत्था आज वापस लौट गया है। आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। किसानों के आंदोलन का यह मामला अब उच्‍चतम न्‍यायालय पहुंच गया है। याचिका पर आज यानी सोमवार को सुनवाई होगी। कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, इसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के निर्देश केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को देने की मांग की गई है। हरियाणा की सीमा पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने रविवार दोपहर को दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया।

उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर केंद्र और अन्य को पंजाब में किसानों के प्रदर्शन की वजह से अवरुद्ध राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को तुरंत खोलने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है। पंजाब निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में किसानों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध हटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और अन्य को निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि आंदोलनकारी किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध न किया जाए।
 
याचिका में गया है कि किसानों और किसान संगठनों ने पंजाब में पूरे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध कर दिया है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 9 दिसंबर की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नेतृत्व वाली पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी।
याचिका में कहा गया है, पंजाब और पड़ोसी राज्यों के लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वे आपात चिकित्सा स्थिति में समय समय पर अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, क्योंकि पूरे पंजाब राज्य में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर एंबुलेंस को भी रोका जा रहा है। 

पंजाब से लगती हरियाणा की सीमा पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने रविवार दोपहर को दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान अपने मंचों- संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा-की बैठक के बाद अपनी अगली कार्रवाई का फैसला करेंगे। प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और बैरिकेड्स तक पहुंचने के बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया।
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कम से कम 8 किसान घायल हो गए और उनमें से एक को चंडीगढ़ के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में ले जाया गया है। उन्होंने कहा, हमने जत्थे (101 किसानों का समूह) को वापस बुला लिया है।
 
पंढेर ने कहा कि किसान अपने मंचों- संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा-की बैठक के बाद अपनी अगली कार्रवाई का फैसला करेंगे। जत्थे ने दोपहर में किसानों के शंभू धरना स्थल से अपना पैदल मार्च फिर शुरू किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण उन्हें जल्द ही रुकना पड़ा।
प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और बैरिकेड्स तक पहुंचने के बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया। ‘मर्जीवड़ा’ (किसी उद्देश्य के लिए मरने को तैयार व्यक्ति) नामक यह समूह न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए मार्च कर रहा था, लेकिन कुछ मीटर की दूरी पर ही उन्हें रोक दिया गया। 
 
अंबाला पुलिस ने कहा था कि किसान संगठनों को दिल्ली प्रशासन से अनुमति लेने के बाद ही दिल्ली कूच करना चाहिए। हरियाणा के एक सुरक्षाकर्मी को किसानों से दिल्ली तक मार्च करने का अनुमतिपत्र दिखाने की मांग करते सुना गया। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। तब सुरक्षाबलों ने उनके दिल्ली कूच करने से रोक दिया था।
किसान नेता तेजवीर सिंह ने प्रश्न किया कि जब किसान शांतिपूर्वक पैदल जा रहे थे तो उन्हें आगे बढ़ने से क्यों रोका गया। उन्होंने कहा, हरियाणा को इसमें क्या आपत्ति है? उन्होंने कहा, पहले केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने किसानों के ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के साथ दिल्ली जाने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अब जब वे पैदल मार्च कर रहे हैं तब क्या मसला है।
 
इससे पहले हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए उन्हें प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर रोका जाए जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी। शुक्रवार को भी किसानों को अपना मार्च स्थगित करना पड़ा था, क्योंकि उनमें से कुछ आंसू गैस के गोले लगने से घायल हो गए थे। पंढेर ने शनिवार को कहा था कि किसानों को इस मामले में केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला है।
किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। किसान 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
 
सांसदों के आवास के बाहर धरना देंगे किसान : किसान नेता अभिमन्यु कोहाड ने रविवार को यहां कहा कि सोमवार को कृषक समुदाय पंजाब को छोड़ देशभर में सांसदों के आवास के बाहर सुबह से शाम तक धरना देगा। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं और वे दिल्ली कूच करना चाह रहे हैं। इसके अलावा किसान नेता जगजीत सिह दल्लेवाल दो हफ्ते से आमरण अनशन पर बैठे हैं।
 
कोहाड ने कहा कि किसान आंदोलन को तीन सौ दिन पूरे हो रहे हैं तथा दल्लेवाल के अनशन को भी 14 दिन हो रहे हैं और इसलिए पंजाब को छोड़ देश में अन्य स्थानों पर किसान सोमवार को सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक सांसदों के आवास के बाहर धरना देंगे और भूख हड़ताल करेंगे। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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