अनंतनाग से चुनाव लड़ेंगी महबूबा, मुकाबला कड़ा है...

सुरेश एस डुग्गर
जम्मू। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद का इस वर्ष 7 जनवरी को निधन हो गया था, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था। 
57 वर्षीय महबूबा के लिए मुख्यमंत्री बनने के 6 माह के भीतर राज्य विधानसभा का सदस्य चुना जाना आवश्यक है। फिलहाल वे दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा सीट से सांसद हैं। हालांकि अवामी इतेहाद पार्टी द्वारा अपना उम्मीदवार मैदान में उतारे जाने के कारण मुकाबला कड़ा हो गया है।
 
निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन पत्र भरने के बाद पीडीपी प्रमुख ने आशा प्रकट की कि लोग एक बार फिर उनके पिता में विश्वास जताएंगे और उन्हें (महबूबा को) चुनेंगे ताकि वह अपने पिता द्वारा शुरू किए गए कार्यों को पूरा कर सकें। 
 
पीडीपी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने सुबह 11.30 बजे अनंतनाग निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। महबूबा मुफ्ती ने नामांकन से पहले बिजबिहाड़ा जाकर पिता की कब्र पर आशीर्वाद भी लिया। इस मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान वीरी, बेग उनके साथ मौजूद थे।
 
इस वर्ष चार अप्रैल को पीडीपी-भाजपा सरकार की कमान संभालने वाली महबूबा ने कहा कि लोगों ने मुफ्ती साहब में विश्वास जताया और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया। मैं इस बात को लेकर आशान्वित हूं कि लोग एक बार फिर से उनमें विश्वास जताएंगे और मुफ्ती साहब द्वारा छोड़े गए कार्यों को पूरा करने का अवसर मुझे देंगे। कांग्रेस ने इस उपचुनाव के लिए हिलाल अहमद को मैदान में उतारा है, वहीं नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के इफ्तिखार मिसगर मुख्यमंत्री को चुनौती देंगे।
 
आज नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। नामांकन पत्रों की जांच कल होगी। उम्मीदवार 4 जून तक अपने नामांकन वापस ले सकते हैं। इस सीट पर 19 जून को मतदान होगा और 22 जून को मतों की गिनती होगी। कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर महबूबा वर्ष 1996 में बिजबेहरा सीट से पहली बार विधायक चुनी गई थीं।
 
चर्चा है कि अवामी इतेहाद पार्टी भी चुनाव में हिस्सा लेगी। पार्टी द्वारा विधायक इंजीनियर रशीद के चुनाव मैदान में आने की चर्चा है। समाचार भिजवाए जाने तक वे नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए चुनाव अधिकारी के कार्यालय तक पहुंच चुके थे। मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने की वजह से यह सीट काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील हो गई है।
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