मुबंई। महाराष्ट्र विधानसभा की सीढ़ियों पर बुधवार को सत्ता पक्ष के विधायकों की विपक्ष के विधायकों से झड़प हो गई। विधानमंडल की सीढ़ियों पर दोनों पक्षों के विधायक आपस में भिड़ गए।
बुधवार को जब विधानमंडल का काम शुरू हुआ तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच झड़प हो गई। राकांपा के अमोल मिटकरी ने कहा कि उन्होंने आरोप लगाने शुरू किया।
शिंदे गुट के नेता भरत गोगवले ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे लेकिन हमें राकांपा के विरोध का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आज हमने सीढ़ियों पर नारेबाजी का कार्यक्रम रखा। इसमें शिवसेना-भाजपा गठबंधन के नेताओं ने हिस्सा लिया। विपक्षी दलों के नेता पिछले तीन-चार दिनों से सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने देशद्रोही, 50 पेटी जैसी बातें कही। जो हमने नहीं किया वह हमारे नाम पर रखने की विपक्षी पार्टी की कोशिश थी।
गोगवले ने कहा कि हमने तथ्यों को सामने लाने के लिए नारे लगाए। हम तब नहीं आए जब वे विरोध कर रहे थे। उनके पास सैकड़ों नेता हैं। हम लगभग 170 लोग थे। जब हम बात कर रहे थे तो उन्हें नहीं आना चाहिए था। वे मिर्च खाने के बाद जैसे झल्ला रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमने उनका इतिहास निकाला। कोरोना, सिंचाई घोटाला, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, सचिन वाजे, हमने सब कुछ सामने लाया। हमने तथ्यों को पेश करने की कोशिश की। उन्हें बात करने के बाद आना चाहिए था। हम सीढ़िया खाली कर देते।
झड़प करने की उनकी मानसिकता थी। मीडिया का ध्यान खींचने की कोशिश की जा रही है। हमनें चूड़ियां नहीं भरी। तो उसने जवाब दिया। उन्हें हमारे नाम का जाप नहीं करना चाहिए।
गोगवले ने चेतावनी दी कि हम किसी को पैर नहीं लगाते और गलती से लग जाए तो माफी मांगते हुए प्रणाम करते हैं। लेकिन अगर कोई हम पर पैर रखने की कोशिश करता है, तो हम जाने नहीं देंगे।