नई दिल्ली। इलाके के सांसद और विधायक के कामों का रिपोर्ट कार्ड अब मोबाइल एप के जरिए जाना जा सकेगा। अपने तरह के इस अनूठे 'नेता एप' को शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लॉन्च किया।
'नेता एप' के जरिए जनप्रतिनिधियों के काम का आकलन आम जनता द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर तैयार किया जाएगा। मुखर्जी ने इस एप को लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और जनता की भागीदारी बढ़ाने वाली पहल बताया।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को जवाबदेही और पारदर्शिता के बिना कारगर नहीं बनाया सकता है। तकनीक के माध्यम से नेताओं की जवाबदेही, जनता की भागीदारी और व्यवस्था में पारदर्शिता लाने में यह एप स्वागतयोग्य पहल है।
मुखर्जी ने कहा कि युवा आईटी विशेषज्ञ प्रथम मित्तल द्वारा विकसित 'नेता एप' जनप्रतिनिधियों के कामकाज पर मतदाताओं और जनसामान्य की सतत निगरानी बनाए रखने के लिए कारगर हथियार साबित होगा।
मित्तल ने बताया कि एंड्रॉयड और आईओएस आधारित स्मार्टफोन के अलावा वेबपोर्टल पर उपलब्ध 'नेता एप' का इस्तेमाल कर कोई भी व्यक्ति अपने इलाके के सांसद और विधायक के काम का न सिर्फ रिपोर्ट कार्ड जान सकेगा बल्कि उसके काम की रेटिंग भी खुद कर सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस एप का प्रायोगिक आधार पर हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सफल प्रयोग किया गया था। इसमें चुनाव जीतने वाले 93 प्रतिशत उम्मीदवार 'नेता एप' की श्रेष्ठ रेटिंग में शामिल थे।
मित्तल ने बताया कि पिछले 8 महीनों में 543 संसदीय और 4,120 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने 'नेता एप' का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। उन्होंने अगले साल आम चुनाव से पहले यह संख्या 10 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद जताई।
इस अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने 'नेता एप' को लोकतांत्रिक व्यवस्था में फीडबैक का बेहतर माध्यम बताते हुए कहा कि यह भारत में राजनीतिक प्रक्रिया और लोकतांत्रिक व्यवस्था में बड़े बदलाव का कारक बनेगा।
केजरीवाल ने कहा कि इससे न सिर्फ मतदाताओं को बेहतर काम करने वाले नेता का चयन करने में आसानी होगी बल्कि राजनीतिक दलों को भी अच्छे रिपोर्ट कार्ड वाले उम्मीदवार चुनने में यह एप मददगार बनेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री विजय सांपला, पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी, शिवराज पाटिल और अश्विनी कुमार के अलावा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी भी मौजूद थे। (भाषा)