MSP को लेकर नाराज किसानों को बड़ा तोहफा, केंद्र सरकार ने 14 फसलों पर बढ़ाया न्यूनतम समर्थन मूल्य

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 19 जून 2024 (19:53 IST)
Cabinet approves MSP for 14 kharif crops : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें किसानों को सरकार की तरफ से तोहफा दिया गया। सरकार ने 14 फसलों के लिए एमएसपी को बढ़ा दिया।
ALSO READ: Hollong Bungalow Fire : बंगाल सरकार ने दिए जांच के आदेश, आग के कारणों का पता लगाएंगे विशेषज्ञ
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास सहित 14 खरीफ सीजन की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी है।
<

#CabinetDecisions | Cabinet approves Minimum Support Prices (MSP) for #KharifCrops for Marketing Season 2024-25

The highest absolute increase in MSP over the previous year has been recommended for oilseeds and pulses.@MIB_India @AgriGoI #MSP pic.twitter.com/Nw6zSrL9Vr

— DD News (@DDNewslive) June 19, 2024 >केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी का तीसरा कार्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसानों के कल्याण के लिए कई फैसलों के माध्यम से परिवर्तन के साथ निरंतरता पर केंद्रित है।
ALSO READ: उपराष्ट्रपति ने की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्यों की सराहना, कहा आपने मुख्यमंत्री का दम दुनिया को दिखा दिया

किस पर कितना बढ़ा मूल्य : बुधवार को खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सरकार के पास अधिशेष चावल भंडार होने के बावजूद हुई है। हालांकि हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों से पहले यह महत्वपूर्ण पहल है।
 
एमएसपी वृद्धि की घोषणा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों को मंजूरी दी है।
 
वैष्णव ने कहा कि आगामी खरीफ मौसम के लिए 'सामान्य' ग्रेड के धान का एमएसपी 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ‘ए’ ग्रेड किस्म के लिए इसे बढ़ाकर 2,320 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
 
मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में एक स्पष्ट नीतिगत निर्णय लिया था कि एमएसपी उत्पादन की लागत से कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए और नवीनतम एमएसपी वृद्धि में इस सिद्धांत का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि लागत की गणना सीएसीपी ने वैज्ञानिक तरीके से की है।
 
भारतीय खाद्य निगम के पास वर्तमान में लगभग 5.34 करोड़ टन चावल का रिकॉर्ड भंडार है, जो एक जुलाई तक के लिए आवश्यक बफर से चार गुना अधिक है। यह बिना किसी नई खरीद के एक साल के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
 
मौसम विभाग के अनुसार, एक जून को मानसून की शुरुआत के बाद से देश भर में लगभग 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इसके बावजूद अब मौसम की स्थिति बारिश को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल है।

जारी हुई थी किसान सम्मान निधि की दूसरी ‍किस्त : इससे पहले काशी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की थी। देश के 9.26 करोड़ों किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून को वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त जारी की थी। एजेंसियां

सम्बंधित जानकारी

Show comments

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख