मोदी सरकार का बड़ा दांव, सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण

Webdunia
सोमवार, 7 जनवरी 2019 (14:21 IST)
नई दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बड़ा दांव खेला है। सरकार ने सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में सवर्ण समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है।
 
सूत्रों ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इसमें फैसला किया गया कि प्रतिवर्ष आठ लाख रुपए से कम आय वाले परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती में और उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, सरकार इसके लिए शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है। सरकार को इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा। 

उल्लेखनीय है कि अभी सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को कुल करीब 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। उच्चतम न्यायालय ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी तय की हुई है।

सरकार के इस फैसले को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में एट्रोसिटी एक्ट के चलते सवर्ण समाज के विरोध से जोड़कर देखा जा रहा है। इस विरोध के चलते तीन राज्यों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। सवर्ण समाज के कई संगठन वर्षों से आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण की मांग करते रहे हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख