नई दिल्ली। राज्यसभा के सदस्य मंगलवार को उस समय अपनी हंसी नहीं रोक सके जब सभापति एम. वेंकैया नायडू ने लोकसभा गैलरी में बैठीं कांग्रेस सदस्य छाया वर्मा से कहा कि उन्होंने सदस्य की पदावनति नहीं की है।
मंगलवार को सुबह राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सभापति नायडू ने छाया वर्मा का नाम लिया ताकि वह अपना मुद्दा उठा सकें। नायडू ने फिर पूछा- ‘छाया जी, कहां हैं?’
इस पर छाया वर्मा ने कहा, ‘सर, मैं श्रीमती छाया वर्मा, लोकसभा गैलरी से बोल रही हूं। वैसे मैं राज्यसभा की सदस्य हूं।’ इसके बाद छाया वर्मा ने मनरेगा को लेकर अपनी बात रखी।
जब उनकी बात पूरी हो गई तो नायडू ने कहा, 'सदस्यों को कहीं भी बैठने के लिए मैंने अनुमति दी है। मगर यह आपके डिमोशन (पदावनति) यानी निचले सदन (लोकसभा) में भेजने के लिए नहीं है। यह गुलाम नबी आजाद जी, आनंद शर्मा जी और और (जयराम) रमेश जी ने मिलकर किया है। मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं।’ इस पर सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक सके। (भाषा)