नई दिल्ली। देश में मौजूदा मानसून में अब तक सामान्य से 6 फीसद अधिक वर्षा हुई है, लेकिन उत्तर भारत में कम बारिश हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी।
विभाग के मौसम विज्ञान संबंधी चार संभाग हैं तथा दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत संभागों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई।
आईएमडी के अनुसार लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में अब तक 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इस संभाग में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान आते हैं।
विभाग ने बताया कि रविवार तक हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में कम वर्षा दर्ज की गयी। लद्दाख में तो बहुत कम वर्षा हुई है।
आईएमडी के अनुसार मानसून निर्धारित समय 1 जून को केरल पहुंचा था और देश में चार महीने की बारिश का सीजन का प्रारंभ हुआ था। भारत में मानसून के सामान्य रहने की संभावना है।
जून में जारी 2020 के मानसून के अद्यतन अनुमान में आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम भारत के दीर्घावधि औसत (एलपीए) की 107 फीसद बारिश होने का अनुमान प्रकट किया था जो ‘सामान्य से अधिक’ की श्रेणी में आती है, लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में मानसून कमजोर रहा है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है। लेकिन अब भी हमारे पास दो और महीने हैं। विभाग ने 18 से 20 जुलाई तक उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा का अनुमान लगाया है।
महापात्र का कहना है कि उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में अच्छी वर्षा होगी।
दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से 17 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है जिसमें तमिलनाड, पुडुचेरी, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना आते हैं। मध्य भारत में 12 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। (भाषा)