नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सितंबर के पहले सप्ताह में वापसी के चरण में प्रवेश करने की संभावना है, जो सामान्य तिथि से लगभग एक पखवाड़ा पहले होगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की सामान्य तिथि 17 सितंबर है। हालांकि, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वास्तविक वापसी आमतौर पर मौसम प्रणालियों की गतिशील प्रकृति को देखते हुए या तो पहले या बाद में होती है।
आईएमडी ने बृहस्पतिवार को जारी विस्तारित रेंज पूर्वानुमान में कहा कि एक सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल होने के आसार हैं।
9 फीसदी ज्यादा बारिश : पूरे देश में मॉनसून की बारिश सामान्य से 9 फीसदी अधिक रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और मणिपुर जैसे राज्यों ने लंबी अवधि के औसत के हिसाब से करीब 40 फीसदी कमी दर्ज की है, जिससे किसान मुश्किल में हैं।
उत्तर प्रदेश और मणिपुर में लंबी अवधि के औसत से 44 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है, इसके बाद बिहार (41 फीसदी), दिल्ली (28 फीसदी), त्रिपुरा और झारखंड (26 फीसदी प्रत्येक) का स्थान है।
इस बार, 18 अगस्त तक किसानों ने 343.7 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30.92 लाख हेक्टेयर और समीक्षाधीन अवधि के लिए सामान्य बुआई से 53.36 लाख हेक्टेयर कम है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से धान की बुआई के क्षेत्र के लिए कम कवरेज की सूचना मिली है, जो देश के चावल का कटोरा माने जाते हैं। मूसलाधार बारिश के कारण दलहन, विशेष रूप से अरहर और मूंगफली की बुआई में भी गिरावट आई है।
मौसम कार्यालय के अनुसार मानसून का मौसम 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर को समाप्त होता है। पिछले साल, मानसून ने वापसी के चरण में छह अक्टूबर को प्रवेश किया, जो 17 सितंबर की सामान्य तिथि से 19 दिन बाद हुआ। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 28 सितंबर, 2019 में 9 अक्टूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर को मॉनसून की वापसी शुरू हुई।