नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य समय से 2 सप्ताह पहले पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर पहुंच गया है, जो इसके आखिरी पड़ाव में से एक है। वहीं दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों को अभी भी मानसून की बारिश का इंतजार है। फिलहाल यहां भीषण गर्मी पड़ रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अब भी बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजर रही है। केरल में 2 दिन देरी से पहुंचने के बाद मानसून अब सामान्य से 7 से 10 दिन पहले पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में दस्तक दे रहा है। इसी क्रम में मानसून राजस्थान के सीमावर्ती और रेगिस्तानी जिले बाड़मेर पहुंच गया है, लेकिन पश्चिम उत्तरप्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार बाड़मेर पश्चिम राजस्थान के उन कुछ केंद्रों में हैं, जहां दक्षिण-मानसून सामान्य तौर पर सबसे बाद में आता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून जुलाई के प्रथम सप्ताह में पश्चिम राजस्थान में पहुंचता है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस बार मानसून सामान्य समय से 2 सप्ताह पहले बाड़मेर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से मानसून को गति मिली, जो जून में ही बाड़मेर समेत राजस्थान के कुछ हिस्सों में पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों और पश्चिम उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम राजस्थान के मामले में पुरवाई हवाएं बंगाल की खाड़ी से इन इलाकों में मानसून को पहुंचाती हैं। महापात्र ने कहा कि लेकिन बंगाल की खाड़ी में इस समय कोई सक्रिय दबाव क्षेत्र नहीं है, जो पुरवाई हवाओं को मानसून को इस क्षेत्र में लाने में मदद कर सके। मौसम विभाग ने पहले अनुमान व्यक्त किया था कि दिल्ली में 15 जून तक मानसून पहुंच सकता है। हालांकि पछुआ हवाएं इसके दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में आने में अड़चन पैदा कर रही हैं। सामान्य तौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और पूरे देश में जुलाई तक इसकी मौजूदगी दर्ज हो जाती है। पिछले साल 25 जून को मानसून दिल्ली पहुंच गया था और पूरे देश में 29 जून तक इसकी आमद हो गई थी।(भाषा)