भारत में कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा

Webdunia
रविवार, 5 मार्च 2017 (20:52 IST)
नई दिल्ली। वर्ष 2017 में अल नीनो की स्थिति की वजह से भारत में मानसून को लेकर चिंता जताई जा रही है। नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है, हालांकि इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश और फसल पर इसका प्रभाव सिर्फ इस एक घटनाक्रम पर ही निर्भर नहीं करेगा।
ऑस्ट्रेलिया के मौसम ब्यूरो (एबीएम) के अनुसार 2017 में अल नीनो की स्थिति बनने की संभावना बढ़ी है। एबीएम द्वारा 8 माडलों पर सर्वे किया गया जिसमें 6 से पता चलता है कि जुलाई 2017 तक अल नीनो सीमा पर पहुंचा जा सकता है। इससे 2017 में अल नीनो बनने की संभावना 50 प्रतिशत हो जाती है।
 
नोमुरा इंडिया की प्रमुख अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक शोधपत्र में कहा है कि कुल मिलाकर वर्ष 2017 के सामान्य मानसून वर्ष से कमजोर रहने की संभावना इसके सामान्य मानसून वर्ष से बेहतर रहने के मुकाबले ज्यादा लगती है, हालांकि वर्षा और खाद्य उत्पादन पर इसके ठीक ठीक प्रभाव का मामला कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करेगा। 
 
अल नीनो एक मौसम की स्थिति है जिसका भारत के मानसून पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सामान्य मानसून भारत में खेती के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। देश की खेती का बड़ा हिस्सा मानसून की वर्षा पर निर्भर है। (भाषा)

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