दिग्विजय के समर्थन से कमलनाथ को मिला मुख्यमंत्री बनने का मौका, कांग्रेस के विज्ञापन में दावा

विशेष प्रतिनिधि
सोमवार, 18 नवंबर 2019 (14:17 IST)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन पर कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञापन विवादों में आ गया है। मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के जन्मदिन पर पीसीसी की तरफ से अखबारों में सांसद से मुख्यमंत्री तक का सफर लेकर एक विशेष विज्ञापन जारी किया गया है। विज्ञापन में बताया गया है कि दिग्विजय के समर्थन के बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। विज्ञापन में लिखा हैं कि 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी,लेकिन तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था। इससे कमलनाथ उस समय सीएम बनने से चूक गए थे। अब 25 साल बाद दिग्विजय के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। 

इसके साथ ही विज्ञापन में कमलनाथ की हार का जिक्र करते हुए बताया गया है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का सामाना करना पड़ा जिसमें भाजपा के दिग्गज नेता संदुरलाल पटवा ने कमलनाथ को पटखनी दी थी। इसके साथ ही विज्ञापन में कमलनाथ के जानूझकर एक जज से लड़ने और उसके बाद तिहाड़ जेल जाने का भी जिक्र भी है। इस पूरे विज्ञापन को लेकर अब विवाद शुरु हो गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से इस विज्ञापन में कमलनाथ की खूबियों से ज्यादा कमियों का जिक्र है। 
 
भूरिया ने बताया भाजपा की साजिश- मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर पीसीसी की ओर से जारी इस विवादित विज्ञापन पर अब पार्टी के बड़े नेताओं ने हाथ खड़े कर दिए है। इतनी ही नहीं वरिष्ठ नेता और हाल में ही झाबुआ से विधायक चुने गए कांतिलाल भूरिया ने इसे मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि कुछ लोग विघ्न संतोषी होते है और इस तरह की बातें छोड़ देते है। जब कांतिलाल भूरिया से सवाल किया गया कि विज्ञापन कांग्रेस की तरफ से जारी किया गया है तो उन्होंने कहा इसे भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि वह ही पैसा देकर इस तरह की बातें छपवाती है। 
 
दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस प्रदेश में सत्ता बनाने की हालात में आई थी तब कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल थे। लंबे सस्पेंस के बाद कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ के नाम पर मोहर लगाई थी उसके बाद कई बार इस तरह की खबरें सामने आई थी जिसमें कहा गया कि सिंधिया को मुख्यमंत्री बनने से रोकने लिए दिग्विजय गुट ने बड़ी भूमिका निभाई थी। इसके बाद अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने खुद अपनी ओर से विज्ञापन में इस बात पर कहीं न कहीं मुहर लगा दी है।  
 

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