दर्दभरी दास्तां! 12 घंटे लोकल में फंसे रहे, इस तरह बची जान...

Webdunia
बुधवार, 30 अगस्त 2017 (11:48 IST)
मुंबई। मुंबई में मंगलवार को हुई बेतहाशा बारिश ने तेज रफ्तार वाले इस शहर की रफ्तार को रोक दिया और घरों ने निकले लोग जगह-जगह फंसे रहे। डोंबिवली से मुंबई जाने वाली ट्रेन में दिव्यांगों के लिए आरक्षित कूपे में अनेक दिव्यांगों के साथ ही एक गर्भवती महिला पत्रकार भी 12 घंटे तक फंसी रहीं।
 
यह मामला अधिक जटिल इसलिए था क्योंकि दिव्यांग कूपे में अनेक दिव्यांगों में आठ दृष्टिहीन थे साथ ही उनके साथ यात्रा करने वाली महिला पत्रकार सात माह की गर्भवती थी।
 
पत्रकार उर्मिला देथे ने बताया कि उन्होंने सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे ट्रेन पकड़ी थी। उन्होंने कहा कहा कि मैं दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बे में चढ़ गई, जिसमें करीब 20 लोग सवार थे। इनमें से आठ दृष्टिहीन थे। उर्मिला खबर के सिलसिले में बांबे उच्च न्यायालय जा रही थीं, लेकिन उनकी यात्रा गंतव्य पर पहुंचने से करीब 20 किमी पहले ही रुक गई। उन्हें 12 घंटे तक पानी में फंसे रहने के बाद फायर ब्रिगेड की मदद से ट्रेन से निकाला जा सका।
 
उर्मिला ने कहा, 'मेरी ट्रेन कुर्ला और सायन के बीच फंस गई थी। दोपहर तक मैंने मदद की गुहार लगाई। कुछ समय बाद मैं दिव्यांग सहयात्रियों के लिए चिंतित हो उठी और मैंने उनके पास ही रुकने का फैसला किया।' अग्निशमन कर्मियों और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कोई भी रास्ता नहीं निकला। 
 
इसके बाद उर्मिला फोन के जरिये अपने पति से संपर्क करने में सफल हुईं, लेकिन भारी बारिश के कारण वह भी उनके पास तक नहीं पहुंच सके। उनके पति उपनगरीय बांद्रा कुर्ला परिसर में काम करते हैं। हालांकि इस दौरान स्थानीय मददगार जरूरतमंद यात्रियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते रहे।
 
लेकिन शाम होने के साथ ही संकट गहरा गया और बचाव के लिए आए लोगों की संख्या भी घटने लगी। इसी बीच एक व्यक्ति ने एक स्थानीय किशोर को गर्दन तक गहरे पानी से बचाकर बाहर निकाला। वह पटरियों के बीच पानी के गहरे गड्ढे में गिर गया था।
 
इसके बाद मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार को पत्रकार की स्थिति के बारे में पता चला और उन्हें फोन किया।
उन्होंने कहा, 'उनका (शेलार) का फोन बहुत आश्वस्त करने वाला था। लेकिन मोबाइल का नेटवर्क कमजोर पड़ने के साथ ही चिंता बढ़ने लगी। यह बचाने वालों के लिये भी बड़ी समस्या थी, जो उन्हें खोजने का प्रयास कर रहे थे।' आखिरकार, लगभग 11.55 बजे एक छोर पर मुंबई फायर ब्रिगेड सीढ़ी को देख उन लोगों ने उस समय राहत की सांस ली। बचावकर्मियों ने उन्हें सीढ़ी पर चढ़ने का इशारा किया।
 
उर्मिला ने भावुक होते हुए कहा, 'उन्होंने मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह उठाया और मैं ठीक से उनका धन्यवाद भी नहीं कर सकी।' (भाषा) 
Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

Election Results : कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र और झारंखड पर जनता का फैसला, सत्ता की कुर्सी पर कौन होगा विराजमान

LG ने की आतिशी की तारीफ, कहा- केजरीवाल से 1000 गुना बेहतर हैं दिल्ली CM

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

Wayanad bypolls: मतगणना के दौरान प्रियंका गांधी पर होंगी सभी की निगाहें, व्यापक तैयारियां

Manipur: मणिपुर में जातीय हिंसा में 258 लोग मारे गए, 32 लोग गिरफ्तार

अगला लेख