NSCN (IM) और सरकार के बीच ऐतिहासिक समझौता

Webdunia
सोमवार, 3 अगस्त 2015 (18:39 IST)
नई दिल्ली। नगालैंड में उग्रवाद समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार ने आज संगठन एनएससीएन (आईएम) के साथ एक समझौते पर दस्तखत किए, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में शांति लाने के लिहाज से ऐतिहासिक कदम करार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में प्रधानमंत्री के आवास पर संगठन के नेता टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आरएन रवि के बीच समझौता हुआ। करार पर दस्तखत के साथ पिछले 16 सालों में हुई करीब 80 दौर की बातचीत अंतिम स्तर पर पहुंच गई।
 
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) नगालैंड का सबसे बड़ा उग्रवादी संगठन है जो संघर्ष विराम का पालन कर रहा है, वहीं एस एस खापलांग की अगुवाई वाला संगठन का एक और धड़ा हिंसा में लिप्त है और माना जाता है कि जून महीने में मणिपुर में सेना पर हुए हमले के पीछे उसका हाथ था, जिसमें 18 जवान मारे गए और 18 घायल हो गए।
 
यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि समझौते में एनएससीएन (आईएम) की यह प्रमुख मांग पूरी की गई है या नहीं कि मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम में उन सभी जगहों का एकीकरण किया जाए जहां नगा लोग रहते हैं।
 
आधिकारिक सूत्रों ने समझौते के बाद बताया कि इस समझौते के अंतर्गत विवरण और कार्ययोजना जल्द बताई जाएगी। समझौते में डोभाल की मुख्य भूमिका रही।
 
समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए मोदी ने कहा, आज हम न केवल समस्या का अंत कर रहे हैं, बल्कि नए भविष्य की शुरुआत भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम न केवल जख्मों को भरने और समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे बल्कि आपके गौरव और प्रतिष्ठा को बहाल करने में भी आपकी मदद करेंगे। मुइवा ने कहा कि सरकार और नगा एक नए रिश्ते की शुरूआत कर रहे हैं लेकिन आज से चुनौतियां भी बड़ी होंगी।
 
समझौते पर हस्ताक्षर होने से पहले मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, बसपा की मायावती, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और माकपा नेता सीताराम एचुरी समेत अनेक दलों के नेताओं से बात की। 
 
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के साथ नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य और राज्य के मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के साथ भी फोन पर बात की। प्रधानमंत्री ने द्रमुक नेता एम करुणानिधि और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा से भी फोन पर बात की।
 
प्रधानमंत्री ने समझौता होने के दौरान कहा, आज का समझौता इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि हम समानता, सम्मान और विश्वास की भावना के साथ एक दूसरे के साथ काम करते हुए क्या हासिल कर सकते हैं, यह इस बात का उदाहरण है कि जब हम चिंताओं को समझने की कोशिश करते हैं और आकांक्षाओं पर ध्यान देने का प्रयास करते हैं, जब हम विवाद का मार्ग छोड़कर संवाद का रास्ता अपनाते हैं। यह हमारी समस्याग्रस्त दुनिया में एक सबक और एक प्रेरणा की बात है। 
 
छह दशक पुरानी नगा समस्या को औपनिवेशिक शासन में योगदान बताते हुए मोदी ने कहा, यह स्वतंत्र भारत की एक त्रासदी है कि हम इस तरह की विरासत के साथ रहे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जैसे लोगों की तादाद ज्यादा नहीं हैं, जो नगा लोगों को प्यार करते हैं और उनकी भावनाओं के प्रति संवेदनशील हैं। हम गलत धारणाओं और पुराने पूर्वाग्रहों के चश्मे से एक दूसरे को देखते रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद से होती रही हिंसा के संदर्भ में कहा, नगा राजनीतिक मुद्दा छह दशक से चल रहा है, जिसकी हमारी पीढ़ियों ने भारी कीमत अदा की है। अब तक हुई हिंसा में 3000 से अधिक जानें जा चुकी है।
 
मोदी ने कहा, दुर्भाग्य से नगा समस्या के समाधान में इतना समय इसलिए लग गया क्योंकि हमने एक दूसरे को नहीं समझा। आज जब आप गौरव, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की भावना के साथ एक नया वैभवशाली अध्याय शुरू कर रहे हैं तो मैं पूरे देश के साथ आपको सलाम करता हूं और नगा जनता को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। मुइवा ने मोदी की सोच और दूरदृष्टि की प्रशंसा करते हुए कहा कि नगा विश्वसनीय साबित हो सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने सबसे पहले शांति की पहल की थी, जब संगठन ने संघर्ष विराम का वादा किया था। उसके बाद संगठन के नेताओं ने 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से बात की।
 
मोदी ने कहा कि यह समस्या ब्रिटिश शासन की एक विरासत है और औपनिवेशिक शासकों ने सोच के साथ नगाओं को अलग-थलग रखा। मोदी ने कहा कि उन लोगों ने पूरे देश में नगाओं के बारे में भयावह मिथक प्रसारित किए और इस बात को जानबूझकर दबाया कि नगा अत्यंत विकसित समुदाय है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि नगा जनता के बारे में शेष भारत में नकारात्मक विचार भी प्रचारित किए गए। उन्होंने कहा, यह औपनिवेशिक शासकों की बांटो और राज करो की भलीभांति ज्ञात नीति का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि वह शांति प्रयासों में अत्यधिक समर्थन के लिए नगा जनता के अत्यंत प्रशंसक हैं। उन्होंने करीब दो दशक तक संघर्ष विराम समझौते को बरकरार रखने के लिए एनएससीएन (आईएम) की प्रशंसा की।
 
मोदी ने कहा कि पिछले साल पद संभालने के बाद से उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में पूर्वोत्तर में शांति, सुरक्षा और आर्थिक बदलाव शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरी विदेश नीति, खासतौर पर ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के केंद्रबिंदु में भी यही बात है। उन्होंने कहा कि वह एनएससीएन (आईएम) के साथ बातचीत की प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखते रहे।
 
सरकार के साथ बातचीत में 79 वर्षीय मुइवा ने अग्रणी भूमिका अदा की। एनएससीएन (आईएम) के साथ 1997 में और 2001 में एनएससीएन (के) के साथ सरकार की मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम के बावजूद नगा उग्रवादी संगठन गुटीय हिंसा में लिप्त रहे और नगालैंड के बाहर सुरक्षा बलों पर निशाना साधते रहे जहां संघर्ष विराम प्रभाव में नहीं है। समझौता समारोह में अन्य विभिन्न समूहों और सिविल सोसायटी संगठनों के 19 शीर्ष नगा नेता भी शामिल हुए। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर अमेरिका में ठगी, लूटें 10.49 करोड़, चौंका देगी ये रिपोर्ट

महाराष्ट्र की राजनीति में होगा धमाका, उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आने के दिए संकेत

मोदी जी! मेरा तो डिमोशन हो गया, उम्मीद है आप जल्द फैसला लेंगे

ट्रंप को झटका, हार्वर्ड मामले में अमेरिकी जज ने दी विदेशी छात्रों को राहत

जानिए कैसा होगा चिनाब ब्रिज से होकर जाने वाली कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस का सफर

सभी देखें

नवीनतम

Indore Missing Couple : राजा-सोनम रघुवंशी मामले में स्थानीय गाइड का चौंकाने वाला खुलासा, लापता वाले दिन उनके साथ थे 3 पुरुष

ECI के जवाब पर बोले Rahul Gandhi टालमटोल करने से नहीं बचेंगे, सच बताइए

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को महाकुंभ पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने पर लगाई फटकार

जासूसी मामले में पंजाब के यूट्यूबर की पुलिस हिरासत बढ़ी, ज्योति मल्होत्रा ​​मामले में किया गया था तलब

Trump Vs Musk : एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के संबंधों में क्यों आ रही खटास, साइकोलॉजिस्ट ने बताया कारण