नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि छोटा सोचना मुझे पसंद नहीं है। उन्होंने एक शेर से अपनी बात कहते हुए कहा कि जब हौसल बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।
मोदी ने कहा कि...
-अधीर रंजन चौधरी के बयान पर कटाक्षक करते हुए कहा कि किसी पर बदले की भावना से काम नहीं करेंगे।
-ये आपातकाल नहीं, लोकतंत्र है। कानून के जरिए ही लोक जाएंगे। जबर्दस्ती किसी को जेल में नहीं डाल सकते।
-जो जमानत पर हैं, एंजॉय कर सकते हैं।
-हम बदले की भावना से काम नहीं करते
-कुछ इतने ऊंचे उठ गए कि उन्हें जमीन नहीं दिखती।
-शाहबानो केस में ऊंचाई वालों ने नीचे नहीं देखा।
-शाहबानो मामले में कांग्रेस ने चूक की।
-छोटा सोचना मुझे पसंद नहीं।
-हमने 3 हफ्तों में कई अहम फैसले लिए।
-सबको साथ लेकर चलने के लिए हमने काम किया।
-जल संकट को गंभीरता से लेना होगा, जल संजय जरूरी है।
-पानी बचाकर हम लोगों का जीवन बचा सकते हैं।
-पानी पर बाबा साहेब अंबेडकर ने चिंता व्यक्त की थी।
-70 साल की बीमारियों का 5 साल में इलाज कठिन था।
-किसानों को अब तिलहनों के लिए प्रेरित करना होगा।
-आपातकाल पर कहा कि 25 जून की रात देश की आत्मा को कुचल दिया।
-मीडिया को दबोच लिया गया। पूरे देश को जेल खाना बना दिया गया था।
-देश के लिए जीवन समर्पित करने का वक्त है।
-आजादी के लिए जीवन खपाने वालों को न भूलें।
-गांधी जी आम आदमी को आजादी का सिपाही बनाया
-सरदार सरोवर डैम पर भ्रम फैलाया गया।
-सरदार सरोवर डैम की नींव पंडित नेहरू ने रखी थी।
-6000 का प्रोजेक्ट 60-70 हजार करोड़ का हो गया।