नई दिल्ली। त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद लेनिन की मूर्ति तोड़ने पर बवाल मच गया। देखते ही देखते यह मामला दक्षिण तक जा पहुंचा और तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी गई। उधर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को निशाना बनाया गया।
पेरियार की मूर्ति टूटने से नाराज कुछ लोगों ने बुधवार अलसुबह कोयंबटूर में भाजपा कार्यालय पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया। हमले के समय भाजपा कार्यालय में कोई कार्यकर्ता मौजूद नहीं था। मूर्तियां तोड़े जाने की घटना से हडकंप मच गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जाहित करते हुए इस संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ राज्यों में प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त करने की घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शाह ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु और त्रिपुरा के नेताओं से बात की है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी का कोई भी व्यक्ति इन गतिविधियों में शामिल होता तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सत्ता में रहने का मतलब यह नहीं कि हमला किया जाए। किसी की प्रतिमा तोड़ दी जाए। कार्ल मार्क्स या लेनिन हमारे नेता नहीं हैं, लेकिन उनका रूस में महत्व है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में अलग-अलग नेता हैं लेकिन आप (भाजपा) को अधिकार नहीं है कि आप कार्ल मार्क्स या लेनिन की प्रतिमा को तोड़ दें इसलिए क्योंकि आप सत्ता में हैं।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च को चुनावी नतीजे आने के बाद त्रिपुरा के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। आरोप है कि भाजपा समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में बुलडोज़र की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर से ढहा दिया था।