नोट छापने के लिए स्वदेशी कागज-स्याही इस्तेमाल हो : मोदी

Webdunia
गुरुवार, 2 अप्रैल 2015 (17:42 IST)
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा है कि करेंसी नोटों को छापने में रिजर्व बैंक देश में तैयार कागज और स्याही का इस्तेमाल करे और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के हिस्से के तौर पर इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक तिथि निश्चित करे।

यहां रिजर्व बैंक की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर उन्होंने कहा कि आज हम आरबीआई की 80वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। क्या हम कोई ऐसी तिथि तय नहीं कर सकते कि जो भी नोट देश में छापे जा रहे हैं उसमें भारतीय कागज और स्याही का इस्तेमाल हो। यह विडंबना है कि जिन महात्मा गांधी ने स्वदेशी के लिए लड़ाई लड़ी, उनकी फोटो आयातित कागज पर छपती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया की शुरुआत यहां से होनी चाहिए। मेरा विश्वास है कि हम यह कर सकते हैं। बाद में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा ने कहा कि करेंसी नोट का कागज तैयार करने वाले कारखाने पर काम अंतिम चरण में है और जल्द ही देश में देश के भीतर तैयार कागज पर छपे नोट प्रसारित होंगे।

मूंदड़ा ने कहा कि कारखाने का निर्माण अंतिम चरण में है और हमें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ महीनों में रिजर्व बैंक नोट तैयार करना शुरू कर देगा।

रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक भारत हर साल 2,000 करोड़ करेंसी नोट छापता है और इसकी 40 प्रतिशत लागत कागज और स्याही के आयात में जाती है। केंद्रीय बैंक जर्मनी, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों से कागज का आयात करता है। (भाषा)

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

दिल्ली में दिखी छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलक, सशक्त भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका

अब Delhi-NCR में भी बिकेंगे नंदिनी के ये उत्‍पाद

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Adani Group की कंपनियों को भारी नुकसान, Market Cap में आई 2.19 लाख करोड़ की गिरावट