Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने उठाए कई मुद्दे, संसद में पेगासस, MSP, महंगाई, चीन पर चर्चा की मांग की

हमें फॉलो करें सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने उठाए कई मुद्दे, संसद में पेगासस, MSP, महंगाई, चीन पर चर्चा की मांग की
, रविवार, 28 नवंबर 2021 (18:18 IST)
नई दिल्ली। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार से किसानों के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर तत्काल कानून बनाने के संबंध में कदम उठाने की मांग की।
 
सर्वदलीय बैठक में अधिकतर विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई, किसानों, बेरोजगारी, लद्दाख में चीन के अतिक्रमण सहित कुछ अन्य मुद्दों को उठाया और चर्चा कराने की मांग की। विपक्षी दलों ने सरकार को रचनात्मक मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया।
 
बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी दलों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर सरकार तुरंत ध्यान दे। 
 
खड़गे ने कहा कि हम सरकार को सहयोग करना चाहते हैं। अच्छे विधेयक आएंगे, तब हम सरकार का सहयोग करेंगे। अगर हमारी बात नहीं मानी (चर्चा को लेकर) गई, तब सदन में व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
 
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने का विषय तथा महंगाई, पेट्रोल-डीजल एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव का मुद्दा भी बैठक में उठा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक पर भी सरकार से ध्यान देने को कहा गया है।
 
समझा जाता है कि बैठक में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्ष का सहयोग मांगा और कहा कि सरकार नियमों के तहत अध्यक्ष एवं सभापति की अनुमति से सभी मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है। खड़गे ने कहा कि हम अपेक्षा कर रहे थे कि बैठक में प्रधानमंत्री आएंगे, लेकिन किसी कारण से वह नहीं आए।
 
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से कृषि कानूनों को लेकर कुछ बातों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की और माफी मांगते हुए कहा कि वे किसानों को समझा नहीं पाए।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि कल किसी दूसरे रूप में इन कानूनों को लाया जायेगा, हम इस पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे। सर्वदलीय बैठक में 31 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित नहीं थे।
 
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया। इसमें विभिन्न विषयों पर रचनात्मक चर्चा हुई और विपक्ष की ओर से कुछ अच्छे सुझाव आए। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष एवं सभापति की अनुमति से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है। जोशी ने कहा कि हमने अपील की है कि सदन में बिना किसी व्यवधान के कामकाज हो। विपक्ष ने भी आश्वस्त किया है कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे। 
 
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि ऐसी सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के हिस्सा लेने का चलन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद से शुरू हुआ है, पहले ऐसी बात नहीं थी ।
 
वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार से मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को विधायी समर्थन प्रदान करने के संबंध में विभिन्न पक्षकारों के साथ चर्चा करने के लिये संसद की संयुक्त समिति बनायी जानी चाहिए।
 
वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा में नेता विजय साई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी ने यह भी मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के दायरे में समुद्री एवं कुक्कुट उत्पादों को भी लाया जाना चाहिए।
 
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और द्रमुक ने सुझाव दिया कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान महिला आरक्षण संबंधी विधेयक चर्चा के लिये लाया जाए।
 
इन दलों ने कहा कि यह सही वक्त है जब देश के नीति निर्माण के कार्यो में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने और संघीय ढांचे का मुद्दा भी उठाया।
 
समझा जाता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाने का मुद्दा भी उठाया।
 
बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने 10 बिन्दुओं को उठाया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, संघीय ढांचे का मुद्दा, मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का विनिवेश, कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने, संघीय ढांचे, कोविड-19 की स्थिति तथा महिला आरक्षण विधेयक आदि का मुद्दा शामिल है ।
 
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह बीच में ही बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि वे बैठक में किसानों, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के विषय को उठा रहे थे, लेकिन बीच में ही टोका-टोकी की गई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बैठक में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बारे में भी चर्चा हुई ।
 
उन्होंने कहा कि हमने सरकार से मांग की है कि कोविड महामारी के कारण जान गंवाने वालों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा 3 कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाए। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Omicron की दहशत, कई देशों ने यात्रा पर लगाई पाबंदियां