नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार द्वारा रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा किए जाने की मांग की।
बैठक में विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल के विस्तारित अधिकार क्षेत्र का मुद्दा भी उठाया। ऐसा बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर कानून लाने का मुद्दा भी उठाया।
परंपरागत रूप से संसद सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर होने वाली बैठक में उपस्थित प्रमुख विपक्षी नेताओं में कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम से टीआर बालू और तिरुचि शिवा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से शरद पवार, शिवसेना से विनायक राउत, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बहुजन समाज पार्टी से सतीश मिश्रा, बीजू जनता दल से प्रसन्ना आचार्य और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल थे।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा। सरकार इस सत्र में सदन में कृषि कानून वापसी बिल, क्रिप्टोकरेंसी पर बिल समेत कई महत्वपूर्ण बिल लाने की तैयारी कर रही है।
संसद का बजट सत्र हंगामें की भेंट चढ़ गया था। ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों ही सदनों को सुचारु रूप से चलाने की है।