महिला नौसैनिकों ने शुरू की दुनिया की यात्रा, मोदी ने दी शुभकामनाएं

Webdunia
रविवार, 10 सितम्बर 2017 (11:38 IST)
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की छह महिला अधिकारियों ने दुनिया की अपनी यात्रा 'नाविका सागर परिक्रमा' रविवार को शुरू की। पोत आईएनएसवी तरिणी पर सवार इन छह अधिकारियों की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए देशवासियों से उनके शुभ की कामना करने की अपील की।
 
प्रधानमंत्री ने टि्वटर पर लिखा है, 'आज विशेष दिन है। नौसेना की छह महिला अधिकारियों ने आईएनएसवी तरिणी ने दुनिया का चक्कर लगाने की यात्रा शुरू की।'
 
उन्होंने लिखा है, 'पूरा देश एक साथ मिलकर नाविका सागर परिक्रमा की टीम को शुभकामनाएं दे रहा है और उनकी इस असाधारण यात्रा के लिए शुभेक्षा।'
 
‘नाविका सागर परिक्रमा’ की टीम को शुभकामनाएं देने और उनका उत्साह बढ़ाने की अपील देशवासियों से करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा है, 'अपनी शुभकामनाएं और प्रोत्साहन भरे विचारों को ‘एनएम’ (नरेन्द्र मोदी) ऐप पर ‘नाविका सागर परिक्रमा’ टीम के साथ साझा करें।' महिला टीम ने अपनी यात्रा गोवा के तट से शुरू की है। इनकी यात्रा दुनिया के विभिन्न सागरों से होते हुए मार्च 2018 में समाप्त होगी।
 
यह पूरी यात्रा पांच चरणों में पूरी होगी। इस दौरान टीम अपने पोत के साथ राशन और मरम्मत के काम के लिए ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फॉकलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बंदरगाहों पर रूकेगी। (भाषा)
Show comments

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

Lok Sabha Elections LIVE: पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा, जम्मू कश्मीर में सबसे कम मतदान

पीएम मोदी आज शाम वाराणसी में, करेंगे 6 किलोमीटर लंबा रोड शो

CBSE 10th Result 2024 : सीबीएसई 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, 93.6% विद्यार्थी उत्तीर्ण

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एसयूवी पलटने से 3 की मौत, 4 घायल

आखिर भारत कैसे बना धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुरक्षित ठिकाना

अगला लेख