पटियाला। कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू 1988 के रोड रेज मौत मामले में अपनी सजा काटने के बाद पटियाला केंद्रीय कारागार से बाहर आए। सिद्धू 10 महीने बाद जेल से बाहर आए। जेल के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है। अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे।
तीन दशक पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल की सजा सुनाए जाने के करीब 10 महीने बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल से रिहा किया गया। नवजोत सिद्धू के स्वागत के लिए समर्थकों ने पटियाला शहर में कई जगहों पर उनके पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए।
जेल से बाहर आने के बाद सिद्धू ने कहा कि अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे।
सिद्धू ने कहा कि संविधान को मैं अपना ग्रंथ मानता हूं, तानाशाह हो रहा है। जो संस्थाएं संविधान की ताकत ती वही संस्थाएं आज गुलाम बन गई हैं। मैं घबराता नहीं हूं, मैं मौत से डरता नहीं हूं क्योंकि मैं जो करता हूं वो पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए कर रहा हूं।
जिंदाबाद के लगाए नारे : पूर्व क्रिकेटर की रिहाई पर उनका भव्य स्वागत करने के लिए शनिवार को कांग्रेस के कई नेता और समर्थक जेल के बाहर एकत्र हुए और नवजोत सिद्धू जिंदाबाद के नारे लगाए। सिद्धू (59) के स्वागत के लिए जेल के बाहर खड़े उनके समर्थकों ने ढोल बजाया।
1988 का मामला : सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया था।
सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने शुक्रवार को बताया था कि कारावास के दौरान नवजोत सिद्धू के अच्छे आचरण के कारण उनकी रिहाई समय से पहले हो रही है, जैसा कि नियमों के तहत अनुमति है। नवजोत सिद्धू के परिवार को उनकी रिहाई के संबंध में पटियाला जेल के प्राधिकारियों से सूचना मिली थी।
एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma