Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 21 मई 2025 (17:17 IST)
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में बुधवार को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 27 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। वहीं मुठभेड़ में एक डेढ़ करोड़ का इनामी माओवादी बसवराजू भी मारा गया। मुठभेड़ के दौरान जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान भी शहीद हो गया।

बसवराजू, जिसे केशवराव, नरसप्पा, गजानन और बसवा राजू के नाम से भी जाना जाता था। वह पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। इसके साथ ही उस पर डेढ़ करोड़ का भी इनाम घोषित था। बता दें कि बसवराजू का असली नाम नंवबल्ला केशव राव है। वह श्रीकाकुलम जिले का रहने वाला था। उसकी उम्र 70 साल थी। बसवराजू के पिता का नाम वासुदेवा राव है।

2018 में बना CPI माओवादी का महासचिव: दरअसल, नक्सली बसवराजू नंवबर 2018 में सीपीआई माओवादी का महासचिव बना। वह नक्सल संगठन का महासचिव था और छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रिय था। बसवराजू बी टेक डिग्री धारक था और इंजीनियरिंग में शिक्षित होने के कारण नक्सलियों के लिए बम बनाने और गुरिल्ला युद्ध की रणनीति तैयार करने में माहिर था। वह संगठन के लिए विस्फोटक और हथियार डिजाइन करने में विशेषज्ञ था।

LTTE से लिया था प्रशिक्षण: बसवराजू ने श्रीलंका के तमिल संगठन लिट्टे (LTTE) से गुरिल्ला युद्ध और विस्फोटकों की ट्रेनिंग ली थी, जिसने उसे नक्सली गतिविधियों में और खतरनाक बना दिया। बता दें कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर (Narayanpur Naxal Encounter) में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच बुधवार को मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया है, जिसमें नक्सल संगठन के महासचिव नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल है। फिलहाल सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। जानकारी के मुताबिक यहां डीआरजी जवानों ने नक्सलियों के बड़े कमांडरों को घेर लिया है।

कौन था नंवबल्ला केशव राव ऊर्फ बसवराजू : नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू का उम्र करीब 70 साल था और वो श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा गांव का रहने वाला था। बसवराजू नवंबर 2018 से सीपीआई माओवादी संगठन का महासचिव था और पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केन्द्रीय कमेटी का सदस्य था।

एके 47 रायफल से लैस था राजू : छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के इलाके में वो सक्रिय है। बता दें कि बसवराजू पर करीब डेढ़ करोड़ का इनाम घोषित था। बसवराजू ने 24 सालों से पोलित ब्यूरो सदस्य के तौर पर सक्रिय था। पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रभारी के तौर पर भी काम किया।

बसवराजू ने वारंगल से की इंजीनियरिंग की पढ़ाई : बसवराजू ने रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से बीटेक किया था। उसे नंवबल्ला केशव राव गनगन्ना, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा, प्रकाश, कृष्णा आदि नामों से भी जाना जाता था। जानकारी के मुताबिक, उसने साल 1970 में घर छोड़ दिया था।

बसवराजू वारफेयर में महारत हासिल की : गणपति के बाद बसवराजू को साल 2018 में संगठन के महासचिव की जिम्मेदारी मिली थी और वो संगठन में ज्यादातर समय सैन्य कमान संभालता रहा। बता दें कि बसवराजू सैन्य कमान संभालने और आक्रामक हमलों के लिए ही जाना जाता था। हमलों की रणनीति बनाने में भी बसवराजू को माहिर माना जाता था। बसवराजू को वारफेयर में महारत हासिल था।
Edited By: Navin Rangiyal

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