नई दिल्ली। NCP नेता और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के एक सहयोगी के साथ फाइनेंशियल डील के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) प्रफुल्ल पटेल की कंपनी से दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी के साथ वित्तीय और जमीन का सौदा करने के मामले में जांच कर रहा है।
आरोप है कि एनसीपी नेता के परिवार के सदस्य की प्रमोटेड कंपनी और 'मिर्ची' के बीच आर्थिक सौदेबाजी हुई थी। अब ED पटेल के परिजनों से जुड़ी कंपनी मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मिर्ची के बीच हुए कानूनी सौदेबाजी की जांच कर रहा है।
खबरों के अनुसार इस डील में पटेल परिवार की कंपनी मिलेनियम डेवलपर्स को मिर्ची परिवार के सदस्यों की ओर से एक प्लॉट दिया गया था। यह प्लॉट वर्ली में नेहरू प्लैनेटोरियम के सामने प्राइम लोकेशन पर है। इसी प्लॉट पर मिलेनियम डिवेलपर्स ने 15 मंजिला व्यावसायिक और रिहाइशी इमारत का निर्माण किया है। इमारत का नाम सीजे हाउस रखा गया है।
11 स्थानों पर छापेमारी : बीते दो सप्ताह में मुंबई से लेकर बेंगलुरु तक में 11 स्थानों पर छापेमारी के दौरान बरामद किए गए दस्तावेजों के आधार पर ED जांच में जुटा है। डिजिटल सबूत, ई-मेल और डॉक्यूमेंट को सीज किए जाने के बाद एजेंसी ने अब 18 लोगों के बयान दर्ज कर लिए हैं। इनमें से एक दस्तावेज वह भी है, जिसके मुताबिक पटेल फैमिली की कंपनी को ट्रांसफर हुआ प्लॉट पहले इकबाल मेमन की पत्नी हजरा मेमन के नाम पर था।
पटेल परिवार को ईडी कर सकता है तलब : इस प्लॉट के रीडिवेलपमेंट को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के दस्तावेज भी पाए गए हैं। 2006-07 में हुई इस डील के मुताबिक सीजे हाउस की दो मंजिलें मेमन परिवार को दी गई हैं। खबरों के अनुसार इमारत के इन दो फ्लोर्स की कीमत करीब 200 करोड़ रुपए बताई जा रही है। प्रफुल्ल पटेल और उनकी पत्नी मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयर होल्डर हैं। इस मामले में ईडी पटेल परिवार को तलब कर सकता है।