रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद का निर्माण सरकारी पैसे से कराना चाहते थे, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। रक्षा मंत्री ने सडली गांव में आयोजित यूनिटी मार्च में शामिल हुए।
यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाना चाहते थे, वह भी जनता के रुपयों से, लेकिन तब के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने उनकी इस योजना को सफल नहीं होने दिया।
पीएम मोदी ने दिलावाया सम्मान
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमेशा पटेल की विरासत को दबाया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनवाकर पटेल को सम्मान दिलाया, जिसके वे हकदार थे। नेहरू ने खुद को भारत रत्न दिया, लेकिन पटेल को उस समय कोई सम्मान नहीं दिया गया। उनकी विरासत को नजरंदाज करने के लिए, ये कुछ उदाहरण हैं।
बोझ नहीं बनती कश्मीर समस्या
उन्होंने कहा कि अगर पटेल की बातों को मान लिया जाता तो कश्मीर समस्या लंबे समय तक देश के लिए बोझ नहीं बनती। पटेल ने जरूरत के समय कड़े कदम उठाए, जिस वजह से हैदराबाद का विलय किया गया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 370 हटाना आसान नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने यह कदम उठाकर सही मायनों में भारत से जोड़ा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरदार पटेल का पूरा जीवन शुचिता और ईमानदारी का प्रतीक था। वे भ्रष्टाचार के प्रति बहुत सख्त थे। उन्होंने साफ कहा था कि किसी भी मंत्री के खिलाफ शिकायत आए, तो उसकी जाँच होनी चाहिए और यदि आरोप सही पाया गया, तो मंत्री को पद छोड़ना होगा। उन्होंने अपने साथियों को भी इसी कसौटी पर कसा। Edited by : Sudhir Sharma