नई दिल्ली। नेपाली लड़कियों को नौकरी दिलाने की आड़ में उनकी खाड़ी देशों में तस्करी करने के आरोप में 33 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उस पर एक लाख रुपए का इनाम है। पुलिस ने रविवार को बताया कि आरोपी की पहचान वजीराबाद निवासी लोपसांग लामा के रूप में हुई है। वह पूर्वी नेपाल के ओखल दूंगा जिले का रहने वाला है।
पुलिस के अनुसार, लामा नेपाली लड़कियों की तस्करी में शामिल था। दिल्ली महिला आयोग की एक टीम ने गत वर्ष 25 जुलाई को मुनीरका गांव में एक मकान से 16 नेपाली लड़कियों को छुड़ाया था। इस संबंध में वसंत विहार पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया।
पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) संजीव कुमार यादव ने बताया कि जांच से पता चला कि छुड़ाई गई लड़कियों को लामा और उसके सहयोगियों के किराए के घर में करीब 20-22 दिनों तक रखा गया था।
उन्होंने बताया कि वे इन लड़कियों को नौकरी दिलाने की आड़ में अवैध तरीके से खाड़ी देश भेजने की योजना बना रहे थे। लामा ने उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी ले लिए थे ताकि लड़कियों को यहां रहने के लिए मजबूर किया जा सकें। उन्होंने बताया कि बाद में छुड़ाई गई लड़कियों ने पुलिस को बताया कि लामा ने पांच नेपाली लड़कियों की कुवैत में और दो की इराक में तस्करी की थी।
डीसीपी ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि लामा आईएसबीटी कश्मीरी गेट के समीप अपने साथी से मिलने आएगा। शाम करीब सात बजकर 20 मिनट पर बौद्ध मोनेस्ट्री से आते हुए देखा गया। पुलिस को देखने पर उसने भागने की कोशिश की और यमुना नदी में कूद गया। उन्होंने बताया कि पकड़े जाने पर उसने इस मामले में अपने संलिप्तता कबूल कर ली।
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में लामा ने बताया कि नेपाली लड़कियों को कुवैत, दुबई और इराक जैसे खाड़ी देशों में भेजा गया। उन्होंने बताया कि तस्करी की गई लड़कियों का यौन शोषण भी किया गया। पुलिस ने बताया कि अभी तक लामा ने करीब 25 से 30 नेपाली लड़कियों को विभिन्न खाड़ी देश भेजा है।