New Parliament inauguration : नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के विपक्ष की मुहिम को जोरदार झटका लगा है। शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल और वाईएसआरसीपी ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का ऐलान किया है। इसके पक्ष में इन दलों ने जोरदार दलीलें दी हैं और कहा है कि ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
आंध्रप्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने सभी दलों से सारे सियासी मतभेद भुलाकर इस कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान किया है।
विपक्ष के 19 दलों ने संसद के नये भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने का बुधवार को ऐलान किया और आरोप लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है तथा समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखने का अशोभनीय कृत्य सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
क्या कहा अकाली दल ने : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। पार्टी के नेता दलजीत सिंह चीमा ने बुधवार को यह जानकारी दी।
चीमा ने यहां कहा कि देश को एक नया संसद भवन मिल रहा है और यह गर्व का क्षण है। हम नहीं चाहते कि इस समय कोई राजनीति हो।
आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना : आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए चीमा ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। (अरविंद) केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि जब राष्ट्रपति चंडीगढ़ आई थीं तो मुख्यमंत्री (भगवंत मान) कार्यक्रम में उपस्थित क्यों नहीं थे। वे पिछले साल 8 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चंडीगढ़ के पहले दौरे का जिक्र कर रहे थे।
क्या कहा बीजेडी ने : बीजेडी की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होगा। पार्टी ने कहा है कि राष्ट्रपति देश की प्रमुख हैं और संसद 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। पार्टी ने कहा है कि दोनों ही संस्था भारतीय लोकतंत्र की पहचान हैं और दोनों को संविधान से ही अधिकार प्राप्त होते हैं, जिसकी हमेशा ही रक्षा होनी चाहिए।
शाह बोले राजनीति से न जोड़ें : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है और वे 'अपने विवेक के अनुसार फैसला करेंगे'। कार्यक्रम को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
शाह ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि ब्रिटिश शासन द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। यह राजदंड अभी इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा हुआ है।
समारोह का बहिष्कार करने की विपक्षी दलों की घोषणा को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उनसे अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
नफरत के बुखार से पीड़ित विपक्ष : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए विपक्ष की 'नफरत' की तुलना “बुखार” से की।
वे 28 मई को मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की कांग्रेस और 19 अन्य पार्टियों की घोषणा पर टिप्पणी कर रहे थे। विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें न कि मोदी।
फडणवीस ने कहा कि ऐसे आयोजनों को पक्षपातपूर्ण नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। नया संसद भवन इस देश की शान है। लोकतंत्र के नए मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने वाले लोगों द्वारा बताए गए कारण हास्यास्पद हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष मोदी के प्रति नफरत के बुखार से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण कम समय में किया गया, जिससे देश की ताकत पता चलती है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma